गांव का कारीगर भी बनेगा अब उद्योगपति, SFURTI योजना के तहत मिलेगा ₹8 करोड़ तक का फंड, ऐसे उठाएं लाभ
SFURTI Scheme: भारत की असली पहचान उसके पारंपरिक हुनर, जैसे हथकरघा, कुम्हार की कला, कोयर के उत्पाद और खादी के कपड़ों में बसी है। लेकिन आधुनिकता की दौड़ ...और पढ़ें
Publish Date: Fri, 26 Dec 2025 05:45:19 PM (IST)Updated Date: Fri, 26 Dec 2025 05:45:19 PM (IST)
गांव का कारीगर भी बनेगा अब उद्योगपति।HighLights
- पारंपरिक उद्योगों को मजबूत करने के लिए SFURTI
- क्लस्टर प्रोजेक्ट के लिए ₹8 करोड़ तक का फंड
- कारीगरों को समूहों और समितियों में संगठित करना
बिजनेस डेस्क। भारत की असली पहचान उसके पारंपरिक हुनर, जैसे हथकरघा, कुम्हार की कला, कोयर के उत्पाद और खादी के कपड़ों में बसी है। लेकिन आधुनिकता की दौड़ में ये उद्योग पीछे न छूट जाएं, इसके लिए भारत सरकार की SFURTI (स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजेनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज) एक गेम-चेंजर साबित हो रही है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा संचालित यह योजना न केवल विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जीवित कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को 'लोकल से ग्लोबल' बनाने का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
क्या है SFURTI और इसका लक्ष्य?
साल 2005 में शुरू हुई इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक उद्योगों को आधुनिक तकनीक, बेहतर डिजाइन और मजबूत मार्केट लिंकेज से जोड़ना है। सरकार चाहती है कि हमारे कारीगर सिर्फ मजदूर बनकर न रहें, बल्कि वे ग्रामीण उद्यमी के रूप में उभरें और उन्हें स्थायी रोजगार के साथ बेहतर आमदनी मिले।
फंडिंग का गणित: ₹8 करोड़ तक की सरकारी मदद
SFURTI योजना के तहत क्लस्टर आधारित विकास पर जोर दिया जाता है। एक प्रोजेक्ट के लिए सरकार अधिकतम 8 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसकी फंडिंग को दो हिस्सों में बांटा गया है:
- 1. सॉफ्ट इंटरवेंशन (100% सरकारी खर्च): इसमें कारीगरों की स्किल ट्रेनिंग, नए डिजाइन का विकास, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और एक्सपोजर विजिट शामिल हैं। इसके लिए संस्था को अपनी जेब से कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता।
- 2. हार्ड इंटरवेंशन (75% से 90% सब्सिडी): इसमें मशीनरी, कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC), कच्चा माल बैंक और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। सामान्य राज्यों में 75% फंड सरकार देती है। पहाड़ी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सरकार 90% तक आर्थिक सहायता देती है।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
इस योजना के तहत सीधे किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि समूहों को लाभ दिया जाता है। आवेदन के लिए निम्नलिखित संस्थाएं पात्र हैं:
- स्वयंसेवी संस्थाएं (NGOs) और पंचायतें।
- सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थान।
- प्राइवेट कंपनियां और CSR फाउंडेशन।
- क्लस्टर-आधारित स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV)।
कारीगरों को क्या मिलेगा फायदा?
- संगठित समूह: लगभग 500 कारीगरों का एक क्लस्टर बनाकर उन्हें समितियों में जोड़ा जाता है।
- आधुनिक तकनीक: पुरानी पद्धतियों की जगह नई मशीनें और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है।
- बाजार तक पहुंच: उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए ग्लोबल मार्केट से जोड़ा जाता है।
- सुविधाएं: रॉ मटेरियल बैंक और ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना से लागत कम और क्वालिटी बेहतर होती है।
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कैसे करें आवेदन?
SFURTI योजना में आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इच्छुक एजेंसियां या क्लस्टर SFURTI के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। वहां जरूरी दस्तावेजों के साथ अपना विस्तृत प्रोजेक्ट प्रस्ताव (DPR) जमा करना होता है।
SFURTI योजना 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को सच करने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह हमारे पारंपरिक हुनर को आधुनिक बाजार की जरूरतों के अनुसार ढालकर कारीगरों को सम्मानजनक जीवन देने का वादा करती है।