नईदुनिया न्यूज, दंतेवाड़ा: मूसलाधार बारिश व बाढ़ से दंतेवाड़ा जिले में व्यापक तबाही हुई है। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हुए नुकसान से आम जन व प्रशासन सकते में है। इसके पहले डंकनी नदी पर पुराना पुल डूबने की घटनाएं एक-दो साल के अंतराल में होती थी, लेकिन इस बार बाढ़ ने विकराल रूप दिखाया।
मंगलवार को दोपहर बाद दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरा वार्ड, जीएडी कॉलोनी के मकानों से होकर तेज रफ्तार पानी गुजरता रहा। पुलिस अधीक्षक दफ्तर, नगर पालिका कार्यालय, फ़िल्टर प्लांट बाढ़ की चपेट में आ गए। सर्किट हाउस और जिला पंचायत सीईओ व जिला न्यायालय के न्यायाधीश व अपर कलेक्टर आवास बाढ़ से घिर गए। डंकनी नदी के पानी के बाड़ की तीव्रता इतनी थी कि सर्किट हाउस व नगर पालिका दफ्तर व आवासीय परिसर के बाउंड्रीवाल ताश के पत्ते की तरह ढह गए।
दंतेवाड़ा बायपास मार्ग पर चितालंका में दन्तेवाड़ा नदी का पुल बाढ़ का दबाव नहीं झेल सका। दो दशक पहले करीब दो करोड़ की लागत से निर्मित इस 100 मीटर लंबे पुल के स्लैब व पिल्लर तक का नामोनिशान मिट गया। दंतेवाड़ा में डंकनी नदी का पुराना पुल भी बुरी तरह टूट गया। फ़िल्टर प्लांट के पंप हाउस, रिटेनिंग वाल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
वहीं बिजली सप्लाई के लिए 11 केवी लाइन व ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने से नगर के आंवराभाटा इलाके में करीब 18 घन्टे तक बिजली आपूर्ति ठप रही। फ़िल्टर प्लांट की मुख्य पाइप लाइन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे शहर के अधिकांश हिस्सों में पेयजल सप्लाई ठप है। फ़िल्टर प्लांट को नुकसान पहुंचने व टैंकरों के बह जाने से पेयजल सप्लाई की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है।
फ़िल्टर प्लांट के सामने खड़ी पुरानी सिटी बस पलट कर कुछ दूर बह गई और कुछ पानी टैंकर बहकर नदी में समा गए। एसपी दफ्तर और क्षीरसागर मिल्क प्लांट के सामने सड़क पर तीन से चार फीट पानी भरने से शहर में आवाजाही घंटों बाधित हो गई। जिला प्रशासन व पुलिस एसडीआरएफ की टीम के साथ रेस्क्यू आपरेशन में जुटी रही, लेकिन एक साथ कई जगह पानी भर आने और तेज बहाव की वजह से इसमें मुश्किलें आती रही। रात करीब 11 बजे एसपी दफ्तर के सामने सड़क पर जल स्तर घटने से आवाजाही शुरू हो सकी।
बास्तानार घाट व गीदम के बीच पुल क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही ठप हो गई है। इसी तरह गीदम-बारसूर मार्ग पर गणेश बहार नाला का पुल क्षतिग्रस्त होने से यह मार्ग बंद हो गया है। बारसूर से सातधार के बीच पुल टूटने व करीब दो किमी सड़क बह जाने से आवाजाही प्रभावित हो रही है।
पहली बार बिंजाम, सियानार व समलूर के ग्रामीणों को बाढ़ की वजह से घर छोड़कर सुरक्षित जगहों में शरण लेना पड़ा। दर्जनों मकान ध्वस्त होने से लोग बेघर हो चुके हैं। इसी तरह बालुद व बालपेट गांव में कुछ बस्तियों में बाढ़ का पानी घिर आने से लोगों को राहत शिविरों में जाना पड़ा।
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बाढ़ में फंसे बालुद पटेल पारा व कोसा पारा के 50 से ज्यादा ग्रामीणों को स्थानीय लोगों व युवाओं ने रस्सियों की मदद से निकालकर मॉडल स्कूल पहुंचाया व उनके भोजन व ठहरने की व्यवस्था की। आईजी बस्तर सुंदराज पी व कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बुधवार को प्रभावित इलाकों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों को उचित मदद का आश्वासन दिया।