राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: देशभर में कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ मुद्दा गरमाया हुआ है। सबसे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने विभिन्न राज्यों में वोटों की हेराफेरी कर चुनाव परिणाम प्रभावित किए हैं और इसमें केंद्रीय चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध है। राहुल गांधी अपने दावों के समर्थन में आंकड़े और तथ्य भी पेश करते दिखे।
यह विवाद बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़ा है, जिसका ‘इंडिया’ गठबंधन विरोध कर रहा है। वहीं अब ये विवाद छत्तीसगढ़ में भी पहुंच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के कुरूद विधानसभा में भी वोट चोरी हुई है। यहां ढाई सौ मतदाता फर्जी मिले।
इस पर कुरूद के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर गड़बड़ी है तो बिहार की तरह पूरे प्रदेश की मतदाता सूची का पुनर्निरीक्षण होना चाहिए। यदि कुरुद की मतदाता सूची में कोई गड़बड़ी दिखाई देती है, तो मैं, बतौर कुरुद विधायक, पूरी स्पष्टता से मांग करता हूं कि न सिर्फ कुरुद बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की मतदाता सूची का भी बिहार की तरह पुनर्निरीक्षण होना चाहिए।
साथ ही उन्होंने बघेल से इस मांग का समर्थन करने को कहा। विधायक चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस संगठनात्मक रूप से इतनी कमजोर हो चुकी है कि बिहार में वह अधिकांश बूथों पर अपने बूथ लेवल एजेंट तक नियुक्त नहीं कर पाई।
पूर्व मंत्री चंद्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ में गड़बड़ी के आरोप लगाने से पहले उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कांग्रेस खुद निर्वाचन आयोग में शपथ पत्र देकर जवाबदेही तय करें, ईमेल का जवाब दें और बिहार की जो प्रारंभिक मतदाता सूची जारी हुई है, उस पर आपत्ति दर्ज कराए।
कांग्रेस की स्थिति यह हो गई है कि वह बिहार में अधिकांश बूथों पर अपने बूथ लेवल एजेंट(बीएलओ) तक नियुक्त नहीं कर पाई है, क्योंकि उसके पास उतनी संगठनात्मक क्षमता नहीं बची है। ऐसे में कांग्रेस इन गंभीर मुद्दों पर चुप क्यों है? कांग्रेस वैधानिक प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं कर रही है?
इस पर भी भूपेश बघेल को बात करनी चाहिए। इस मुद्दे पर केंद्रीय राज्यमंत्री और बिलासपुर से सांसद तोखन साहू ने भी राहुल गांधी को ‘फर्जी गांधी’ करार दिया है। उनके हमले के बाद जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने तोखन साहू पर तंज कसते हुए पूछा कि उनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है और वे सीधे सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे।
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इसका असर छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी दिख रहा है। कांग्रेस ने इंटरनेट मीडिया पर “वोट की चोरी, लोकतंत्र तबाह” नामक डिजिटल अभियान शुरू किया है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि देश की 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा महज 33 हजार से कम वोटों से जीती है। पोस्ट, वीडियो, मीम्स और हैशटैग के जरिए पार्टी मतदाताओं के बीच यह संदेश फैला रही है कि लोकतंत्र खतरे में है और चुनावी प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियां हो रही हैं।
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हालांकि छत्तीसगढ़ में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की सबसे छोटी जीत सिर्फ कांकेर में रही, जहां भोजराज नाग 1,884 वोटों से जीते। जबकि सबसे बड़ी जीत रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल ने 5,75,285 वोटों से दर्ज की थी। इसी तरह दुर्ग से विजय बघेल 4,38,226, रायगढ़ से राधेश्याम राठिया 2,40,391, बिलासपुर से तोखन साहू 1,64,558, महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी 1,45,456 और राजनांदगांव से संतोष पांडेय 44,411 वोटों से जीते। 11 में से 10 सीटें भाजपा के खाते में गईं।