कपिल नीले, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब बीएएलएलबी, बीकाॅम एलएलबी, बीबीए एलएलबी, एलएलबी के सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं हर साल नवंबर महीने में कराई जाएंगी। खासबात यह है कि इस साल से परीक्षा का नया पैटर्न रखा जाएगा। विधि संकाय इन दिनों नए पैटर्न को बनाने में लगी है। अधिकारियों के मुताबिक अब प्रत्येक पेपर 100 अंक का होगा, जिसमें इंटरनल परीक्षा के 20 और मुख्य परीक्षा के 80 अंक होंगे।
बरसों से प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का ढर्रा बिगड़ा है, क्योंकि कॉलेज समय पर संबंद्धता और मान्यता से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाते है। इसके चलते विश्वविद्यालय को परीक्षा करवाने में दिक्कतें होती है। नवंबर-दिसंबर में होने वाली परीक्षाएं मार्च से पहले नहीं रखी जाती है। परीक्षा में देरी का असर रिजल्ट पर भी नजर आता है। इस स्थिति से बचने के लिए विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को मान्यता और संबद्धता से जुड़ी प्रक्रिया जुलाई तक पूरी करने पर जोर दिया है। ताकि नवंबर में परीक्षा करवाने से पहले कॉलेज इन दस्तावेजों को प्रस्तुत कर सकेंगे। यह व्यवस्था 2025-26 सत्र से लागू हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक यह बदलाव अब शैक्षणिक सत्र को समय पर लाने के लिए किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय ने परीक्षा करवाने को लेकर शेड्यूल बना दिया है। साथ ही रिजल्ट घोषित करने की रूपरेखा भी तैयार हो गई है। विश्वविद्यालय ने परीक्षा खत्म होने के तीस दिनों के भीतर रिजल्ट जारी करने पर जोर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक डीएवीवी से जुड़े 32 लाॅ काॅलेज जुड़े हैं। यहां पढ़ने वाले 13 हजार 700 से ज्यादा छात्रों को नई व्यवस्था से फायदा मिलेगा।
पहला सेमेस्टर: 16 नवंबर से
तीसरा और पांचवां सेमेस्टर: 1 नवंबर से
सातवें-नवें सेमेस्टर : 20 नवंबर
डीएवीवी ने 2025-26 सत्र से एलएलबी कोर्स के लिए नया परीक्षा पैटर्न लागू करने का फैसला किया है। पहले छात्रों को 6 में से 5 पेपर 100 अंकों के थ्योरी (लिखित) देने होते थे और सिर्फ 1 पेपर में इंटरनल असेसमेंट (आंतरिक मूल्यांकन) होता था। मगर अब हर पेपर में कुल 100 अंक होंगे, जिसमें 80 अंक थ्योरी और 20 अंक इंटरनल असेसमेंट के होंगे। यह नया पैटर्न अब स्थायी रूप से लागू रहेगा।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. अशेष तिवारी ने बताया कि सभी कॉलेजों को इस बदलाव की सूचना दे दी गई है। शहर के शिक्षा विशेषज्ञों और कालेजों ने इस फैसले को बेहतर बताया है। प्रत्येक की सहमति मिलने के बाद ही विश्वविद्यालय ने परीक्षा के पैटर्न को बदला है और लागू कर दिया है। वे कहते है कि पिछले छह सालों में पहली बार डीएवीवी की ला परीक्षाएं तय समय पर होंगी। इससे छात्रों को डिग्री समय पर मिलेगी और उनका भविष्य भी बेहतर बनेगा।
- समय पर परीक्षा और रिजल्ट से पढ़ाई की गति सुधरेगी।
- डिग्री में देरी नहीं होगी। आगे की पढ़ाई या नौकरी में मदद मिलेगी।
- इंटरनल असेसमेंट के कारण अच्छे अंक पाने का मौका बढ़ेगा।
- परीक्षा का दबाव थोड़ा कम होगा, क्योंकि थ्योरी के साथ इंटरनल मार्क्स भी जुड़ेंगे।