नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। आज के समय में मोबाइल फोन होना लोगों की जरूरत बन गया है। वहीं अगर मोबाइल है तो ईयरबड्स भी अब लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बनते जा रहे हैं। जिस तरह से लोगों का मोबाइल के बिना जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है उसी प्रकार अब ईयरबड्स भी जरूरत बनता जा रहा है। लेकिन हम यह नहीं जानते कि यह शौक हमारे लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
ईयरबड्स का अधिक और तेज आवाज में उपयोग करने से सुनने की क्षमता में कमी, कान में दर्द, संक्रमण और कान के मैल का जमाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ईयरबड्स को साफ न रखने से कान में बैक्टीरिया और फंगस का संक्रमण हो सकता है। इसके इस्तेमाल से कान का मैल अंदर की तरफ चला जाता है जिससे कान में जमाव और रुकावट हो सकती है। ऐसे में आप कुछ खास उपाय करके इस तरह की परेशानियों से बच सकते हैं।
दूसरों के ईयरबड्स इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा होता है। ईयरबड्स कानों के अंदरूनी हिस्से में इस्तेमाल होते हैं और अगर किसी और के ईयरबड्स इस्तेमाल किए जाएं तो बैक्टीरिया या फंगस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा सकते हैं।
ईयरबड्स के अत्यधिक और तेज आवाज में इस्तेमाल से सुनने की क्षमता कम हो सकती है। इसके अलावा आंतरिक कान की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। वहीं शोर-प्रेरित श्रवण हानि धीरे-धीरे होती है, इसलिए आपको यह पता नहीं चल सकता है कि कब नुकसान हो रहा है।
कर्मचारियों को खतरा काल सेंटर में काम करने वाले लोग अक्सर ईयरबड्स का उपयोग करते हैं ताकि वे अपने हाथों को फ्री रख सकें और एक ही समय में कई काम कर सकें। ईयरबड्स से ग्राहकों के साथ संवाद करने और अन्य कार्यों को करने में मदद तो मिलती है। लेकिन कर्मचारियों को 10 से 12 घंटे तक इसका उपयोग करना पड़ता है, जिस कारण सबसे ज्यादा खतरा उन्हीं को रहता है।
ये भी पढ़ें- Independence Day 2025: आपको पता है तिरंगे के तीन रंगों का महत्व? नहीं तो यहां जानें इससे जुड़ी रोचक बातें
ईयरबड्स बाजार में मोबाइल शॉप और ऑनलाइन बेवसाइट पर आसानी से मिल रहे हैं। इनकी शुरुआत 300 रुपये से लेकर कई हजारों तक जाती है। राजीव प्लाजा स्थित एक मोबाइल संचालक ने बताया कि दो साल पहले तक ईयरबड्स की इतनी मांग नहीं रहती थी। लेकिन अब हर दो से चार घंटे के अंदर तीन से चार ईयरबड्स बिक जाते हैं। अब यह लोगों के जीवन का एक हिस्सा बन चुका है, खासकर युवा पीढ़ी का। इसके बिना अब उनका समय कटना मुश्किल हो जाता है।
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुनील शर्मा ने कहा कि शुरुआत में हम ईयरबड्स से तेज आवाज में गाने सुनते हैं और फिर हमें इसकी आदत हो जाती है। यह नुकसानदायक है क्योंकि आगे चलकर ऊंचा सुनने की आदत बहरेपन में बदल जाती है और सबसे ज्यादा खतरा इंफेक्शन फैलने का है। एक बार डॉक्टर को अपने कान चेकअप करवाएं और डॉक्टर की सलाह के बिना इसका उपयोग न करें।