डिजिटल डेस्क। गणेश चतुर्थी का पर्व आते ही भक्त बप्पा के स्वागत की तैयारियों में जुट जाते हैं। हर जगह सजावट, मिठाई और भक्ति का माहौल नजर आता है। जब बात गणपति की होती है, तो सबसे पहले मोदक याद आता है, जो बप्पा का सबसे प्रिय भोग माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदक के अलावा भी कई ऐसे पारंपरिक पकवान हैं, जिनके बिना गणेश चतुर्थी का उत्सव अधूरा माना जाता है?
भारत के अलग-अलग राज्यों में गणेश चतुर्थी पर बप्पा को विभिन्न व्यंजन चढ़ाने की परंपरा है। इन पकवानों का स्वाद और खुशबू त्योहार की रौनक और भी बढ़ा देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 8 विशेष पकवानों के बारे में, जिनका स्थान मोदक के बाद भी बेहद खास है।
मैदा, चीनी और घी से बना यह कुरकुरा स्नैक महाराष्ट्र और गुजरात में बहुत पसंद किया जाता है। इसे सुनहरा तलकर तैयार किया जाता है और बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इसे प्रसाद के रूप में चाव से खाते हैं।
महाराष्ट्र में मोदक के बाद सबसे लोकप्रिय पकवान पुरण पोली है। चने की दाल और गुड़ या चीनी से बनी यह मीठी रोटी त्योहार का स्वाद दोगुना कर देती है। इसे घी के साथ परोसना खास परंपरा है।
बेसन, रवा और नारियल से बने लड्डू गणेश चतुर्थी पर खास तौर पर बनाए जाते हैं। ये बनाने में आसान और स्वाद में लाजवाब होते हैं।
कुछ जगहों पर गणपति को हरी सब्जियों का भोग भी चढ़ाया जाता है। मेथी भाजी को मसालों के साथ बनाकर प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है।
गुजरात और महाराष्ट्र में लोकप्रिय श्रीखंड दही से बनी मिठाई है। इसमें केसर, इलायची और सूखे मेवे मिलाए जाते हैं। यह गणपति के भोग में विशेष रूप से शामिल किया जाता है।
सात्विक भोजन मानी जाने वाली खिचड़ी मूंग दाल और चावल से बनाई जाती है। इसे कई स्थानों पर गणेश चतुर्थी पर प्रसाद के रूप में परोसा जाता है।
नारियल का महत्व गणेश चतुर्थी में खास होता है। नारियल बर्फी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि इसे बनाना भी बेहद आसान है।
यह भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2025: 'हाथी का सिर... मानव शरीर' बप्पा के हर स्वरूप में छिपा है चमत्कारिक रहस्य, देखिए तस्वीरें
दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में, पोंगल गणपति के भोग का अहम हिस्सा है। इसे मीठा और नमकीन दोनों तरीकों से बनाया जाता है।