लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। भारत त्योहारों की धरती है और इन्हीं में से एक प्रमुख पर्व है गणेश चतुर्थी, जिसे गणेशोत्सव या विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। यह भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणपति को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माना जाता है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं।
कब और कैसे मनाया जाएगा?
इस वर्ष गणेशोत्सव 27 अगस्त से 6 सितंबर 2025 तक मनाया जाएगा। भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर दस दिन तक यह पर्व चलता है। घरों और सार्वजनिक पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। रोजाना पूजा-अर्चना, आरती और भजन के बाद अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर भव्य शोभायात्रा और प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
राज्यों में गणेशोत्सव की झलक
महाराष्ट्र (मुंबई-पुणे): लालबागचा राजा, विशाल पंडाल और समुद्र किनारे विसर्जन यात्रा इसकी खास पहचान है।
दिल्ली: बहुरंगी रूप, विभिन्न राज्यों की परंपराओं के साथ गणपति का स्वागत।
गोवा: यहां इसे ‘चावथ’ कहते हैं, नेवरी और पटोलेओ मिठाइयां खास होती हैं।
तमिलनाडु: ‘विनायक चतुर्थी’ के नाम से प्रसिद्ध, कोझुकट्टई (मोदक) खास व्यंजन है।
हैदराबाद: खैरताबाद गणपति, विशाल मूर्तियां और लड्डू का प्रसाद।
कोलकाता: दुर्गा पूजा के साथ गणेशोत्सव भी लोकप्रिय हो रहा है।
आंध्र प्रदेश व तेलंगाना: इसे ‘विनायक चविति’ कहा जाता है, कनीपाकम का 21 दिन का ब्रह्मोत्सव विशेष आकर्षण है।
गुजरात, ओडिशा, बंगाल: सादगी और भक्ति के साथ शोभायात्राएं और सांस्कृतिक आयोजन।
गणेशोत्सव पूरे भारत को एक सूत्र में जोड़ता है। हर जगह स्वर एक ही गूंजता है “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया!”