
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से पहले जिले में सरकारी धान की अफरा-तफरी से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। धान की ये हेरा-फेरी खैरलांजी की श्री मातारानी राइस मील में हुई है, जहां जांच अधिकारियों को सरकारी धान के स्टाक में 6487.97 क्विंटल धान कम मिला है। इसकी कीमत 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 1.49 करोड़ रुपये से अधिक है।
इस राइस मील को सरकारी से मिली शासकीय धान में अफरा-तफरी कर शासन को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। खैरलांजी के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अश्विनी देशमुख की शिकायत पर खैरलांजी पुलिस ने श्री मातारानी राइस मील के प्रोपराइटर विवेक मिश्रा के खिलाफ बीएनएस 316(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने सख्ती दिखाते हुए जिले के और भी राइस मीलों को जांच के दायरे में लिया है।
बताया गया कि कस्टम मिलिंग के लिए मिलने वाली सरकार धान की हेराफेरी कर मिलर द्वारा उत्तरप्रदेश से घटिया गुणवत्ता का चावल मंगाकर अमानत में खयानत किया जा रहा है। यही घटिया चावल सरकारी स्कूलों में बच्चों के मध्याह्न भोजन में परोसा जा रहा है। इसकी भनक लगने पर अब एसपी मिश्रा ने कड़ा रुख अपनाया है। आने वाले दिनों में ऐसी हेराफेरा में लिप्त राइस मिलरों पर कानूनी गाज गिर सकती है। ये संभवत: पहला मौका है, जब धान/चावल की अनियमितता पर किसी मिलर पर जुर्माने की कार्रवाई के बजाय एफआइआर दर्ज की गई है।
श्री मातारानी राइस मील के प्रोपराइटर विवेक मिश्रा को खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में नागरिक आपूर्ति निगम ने शासकीय धान की कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध के तहत 3 जनवरी से 29 अप्रैल 2025 तक 55 लाट यानी 23,814.76 क्विंटल धान दी थी। अनुबंध की शर्तों के अनुसार मिलर को मिलिंग के बाद निर्धारित मात्रा में सीएमआर चावल प्रदान करना था, लेकिन मिलर विवेक मिश्रा ने 40 लाट यानी 11,568.504 क्विंटल सीएमआर चावल जमा कराया। शेष 15 लाट यानी 4546.944 क्विंटल सीएमआर चावल अब तक जमा नहीं किया गया।
12 अक्टूबर को जांच दल ने मील का भौतिक सत्यापन किया, तो मिलर की पोल खुल गई। सत्यापन में राइस मील में मात्र 400 कट्टी यानी 200 क्विंटल ही चावल पाया गया। जांच दल ने 4346.944 क्विंटल सीएमआर चावल (धान लगभग 6487.97 क्विंटल) की अफरा-तफरी पाई है। मिलर के इस कृत्य से शासन को 1,49,22,331 रुपये की क्षति पहुंची है।
सरकारी धान को गायब कर दूसरे राज्य से घटिया क्वालिटी का चावल/धान लाकर मिलिंग करने के इस फर्जीवाड़े पर अब बालाघाट पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पुलिस सूत्रों की मानें, तो जल्द ही जिले के दो थाना क्षेत्रों में भी इस तरह की कार्रवाई देखने मिल सकती है।
जांच और भौतिक सत्यापन में गड़बड़ी मिलने पर राइस मीलर पर पुलिस अब सीधे एफआइआर दर्ज करेगी। पुलिस की मानें, तो बच्चों के मध्याह्न भोजन, गरीब परिवारों को राशन दुकानें से बंटने वाले चावल की घटिया गुणवत्ता, राइस मीलरों की इसी अफरा-तरफी का नतीजा है।
खैरलांजी के राइस मीलर को जितनी मात्रा में सरकारी धान कस्टम मिलिंग के लिए दी गई थी, मील में उससे कम चावल मिला है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। गरीब और स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में मिलने चावल की गुणवत्ता के साथ गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। - आदित्य मिश्रा, पुलिस अधीक्षक, बालाघाट