नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले को चार साल कैद की सजा
मुख्य आरोपित शैलेंद्र यादव ने नियुक्ति पत्रों के प्रारूप तैयार कर मुहरें बनवाई और युवकों को फर्जी नियुक्ति आदेश सौंपे गए। केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने कुल सात अलग-अलग आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए थे। सुनवाई के दौरान आरोपित शैलेन्द्र को भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471 के अंतर्गत दोषी पाया गया।
Publish Date: Tue, 12 Aug 2025 11:35:37 PM (IST)
Updated Date: Wed, 13 Aug 2025 12:40:17 AM (IST)
भोपाल कोर्ट का फैसला।नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी के आठवें अपर सत्र न्यायाधीश विवेक सक्सेना के न्यायालय ने बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमाने के मामले में आरोपित शैलेंद्र यादव को चार वर्ष का कारावास और सात हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। इस मामले में चार आरोपित साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए।
यह है पूरा मामला
शिकायतकर्ता भोजराज परमार सहित 21 पीड़ितों ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें बताया था कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच आरोपितों ने नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे 20 से 66 हजार रुपये तक की रकम वसूली कर ठगी की।
मुख्य आरोपित शैलेंद्र यादव ने नियुक्ति पत्रों के प्रारूप तैयार कर मुहरें बनवाई और युवकों को फर्जी नियुक्ति आदेश सौंपे गए। केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने कुल सात अलग-अलग आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए थे।
सुनवाई के दौरान आरोपित शैलेन्द्र को भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471 के अंतर्गत दोषी पाया गया।