नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की सर्जरी के दौरान तत्काल निर्णय लेने में सहायक अत्याधुनिक क्रायोस्टैट मशीन अब भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भी उपलब्ध है। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डा मनीषा श्रीवास्तव ने इस मशीन का लोकार्पण किया। यह मशीन सर्जन को आपरेशन के दौरान बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी।
क्या है क्रायोस्टैट मशीन
बीएमएचआरसी की पैथोलाजी विभाग की प्रमुख डा हनी गुलवानी ने बताया कि यह मशीन सर्जरी के दौरान निकाले गए ऊतक (टिशु) को तुरंत ठंडा कर उसकी सूक्ष्म स्लाइड तैयार करती है, जिसे पैथोलाजिस्ट माइक्रोस्कोप से तुरंत जांच सकते हैं। इस प्रक्रिया को फ्रोजन सेक्शन कहा जाता है। इसकी खासियत यह है कि रिपोर्ट कुछ ही मिनटों में तैयार हो जाती है, जबकि पारंपरिक बायोप्सी में रिपोर्ट आने में कई घंटे या दिन लगते हैं।
बीएमएचआरसी के कैंसर रोग विभाग में सहायक प्रोफेसर सोनवीर गौतम ने बताया कि क्रायोस्टेट मशीन का उपयोग विशेष रूप से कैंसर की सर्जरी में होता है। उदाहरण के लिए यदि किसी मरीज की सर्जरी के दौरान यह जानना जरूरी हो कि निकाला गया ट्यूमर कैंसरयुक्त है या नहीं, तो उसी समय टिशु का परीक्षण कर रिपोर्ट मिल जाती है। यदि कैंसर की पुष्टि होती है, तो सर्जन ऑपरेशन के दौरान ही आगे की प्रक्रिया करते हैं। इससे मरीज को दोबारा सर्जरी से बचाया जा सकता है और इलाज की गुणवत्ता में सुधार होता है। साथ ही मरीज को होने वाले अनावश्यक दर्द, अतिरिक्त खर्च और लंबे इलाज की प्रक्रिया से बचाया जा सकता है। इसके अलावा यह तकनीक यह जानने में भी मदद करती है कि ट्यूमर की कोशिकाएं पूरी तरह हट गई हैं या नहीं।
क्रायोस्टैट मशीन की स्थापना से बीएमएचआरसी अब उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल हो गया है जहां आपरेशन के दौरान ही कैंसर की पुष्टि और उपचार संबंधी निर्णय लिए जा सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से कैंसर, न्यूरो (मस्तिष्क), स्तन, हेड-नेक और स्त्री रोग संबंधी सर्जरी में अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
क्रायोस्टैट मशीन की शुरुआत बीएमएचआरसी की मरीज-केंद्रित आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति समर्पण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह मशीन सर्जनों और पैथोलाजिस्ट के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सहायक होगी, जिससे मरीजों को अधिक सटीक और समयबद्ध इलाज प्राप्त हो सकेगा।
मनीषा श्रीवास्तव, प्रभारी निदेशक, बीएमएचआरसी।