अग्नि हादसे से लिया सबक, जेपी अस्पताल में लगाया फायर सेफ्टी सिस्टम
इस फायर सिस्टम की खासियत यह है कि इसमें पूरे परिसर को कवर किया गया है। कहीं भी हल्का धुंआ उठते ही अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। इसके बाद जैसे ही हीटिंग टेंम्परेचर बढ़ेगा, आटोमेटिक पाइप लाइन में लगे स्प्रिंकलर से पानी निकलना शुरू हो जाएगा, जिससे आग पर काबू पाया जा सकेगा।
Publish Date: Sat, 30 Nov 2024 11:44:01 AM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Nov 2024 11:44:01 AM (IST)
जेपी अस्पताल में लगा फायर सेफ्टी सिस्टम। -नवदुनियाHighLights
- अस्पताल के बी ब्लॉक में लगाया फायर सेफ्टी सिस्टम।
- मॉक ड्रिल के जरिए फायर सिस्टम की हो चुकी है परख।
- उन्नत फायर सिस्टम से लैस प्रदेश का पहला जिला अस्पताल।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बीते दो साल पहले कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बने बच्चा वार्ड के एसएनसीयू में आगजनी की घटना के बाद अस्पतालों में सुरक्षा के इंतजाम चौकस रखने का सिलसिला जारी है। इसी के चलते शहर के जय प्रकाश जिला अस्पताल में फायर सेटी सिस्टम लगाया गया है।
यह प्रदेश का पहला जिला अस्पताल है, जहां इतना बड़ा और उन्नत फायर सेफ्टी प्रणाली को स्थापित किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने इस नई प्रणाली की स्थापना के लिए तीन चरणों की योजना तैयार की है, जिसमें से दो चरण पूरे हो चुके हैं।
इस हिस्से में लगाया गया फायर सिस्टम
अस्पताल के बी ब्लाक में ये फायर सेफ्टी सिस्टम लगाए गए हैं। इस नए सिस्टम की खासियत यह है कि इसमें पूरे परिसर को कवर किया गया है। कहीं भी हल्का सा धुंआ उठते ही अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। इसके बाद जैसे ही हीटिंग टेंम्परेचर बढ़ेगा, आटोमेटिक पाइप लाइन में लगे स्प्रिंकलर से पानी निकलना शुरू हो जाएगा, जिससे आग पर काबू पाया जा सकेगा।
दो चरण का काम पूरा
अस्पताल में अलार्म सिस्टम एक्टिवेट हो चुका है। इसकी पड़ताल माक ड्रिल कर की जा चुकी है। यह प्रोजेक्ट का पहला चरण था। इसके बाद पाइपलाइन से जोड़कर पूरे परिसर में स्प्रिंकलर लगाने का कार्य भी पूरा हो गया है। अब अंतिम चरण के तहत पाइप लाइन को 50 हजार लीटर की कैपेसिटी वाले टैंक से जोड़ा जाना है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
इनका कहना है
यह फायर सेफ्टी सिस्टम सुरक्षा उपाय के साथ अस्पताल के बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार है। इससे मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। मरीजों का अस्पताल के प्रति भरोसे और मजबूत होगा।
- डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल