
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में जिस कार्बाइड पाइप गन की वजह से लोगों की आंखे जख्मी हुई हैं। उस पर रोक लगाने के लिए गृह विभाग दीपावली से चार दिन पहले ही जिला कलेक्टर और एसपी को निर्देश दे चुका था। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने गृह विभाग के इस निर्देश को अनदेखा कर दिया और नतीजतन दीपावली से पहले और बाद तक बाजार में कार्बाइड पाइप गन धड़ल्ले से बिकती रही।
इसके कारण भोपाल में 200 लोगों की आंखें खराब हो गईं और अब जब चारों तरफ हंगामा मचा हुआ है तो जिम्मेदार प्रशासन ने अपने बचाव में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर खानापूर्ति कर दी है। बता दें कि नवदुनिया ने दीपावली से ठीक चार दिन पहले 17 अक्टूबर को 'शहर में कार्बाइड पाइप-गन का कारोबार, दीवाली से पहले खतरे की घंटी' शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
जानकारी के अनुसार, दीपावली से ठीक पहले कुछ लोग संगठित गिरोह के रूप में राजधानी के चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थानों पर सड़क किनारे कार्बाइड पाइप गन और कार्बाइड खुलेआम बेच रहे थे। वह बकायदा इसे चलाकर भी दिखा रहे थे और इसका एक ही दाम था 150 रुपये, जब यह जानकारी नवदुनिया को लगी तो जमीनी हकीकत पता करते हुए प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
इस खबर पर मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने संज्ञान लेते हुए एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) गृह विभाग शिवशेखर शुक्ला को निर्देशित किया था। जिस पर एसीएस ने सभी कलेक्टर, एसपी को निर्देश दिए थे कि सख्त कार्रवाई करते हुए रोक लगाई जाए।
गृह विभाग के इस निर्देश को सभी अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया और कोई भी बड़ी कार्रवाई गन के खिलाफ नहीं की गई। इसी का नतीजा रहा कि यह गन बड़ी मात्रा में बेची गई और अब जब 200 लोगों की आंखें खराब हो गई तो प्रशासन ने आनन-फानन में प्रतिबंधात्मक आदेश निकाला है, जबकि यह आदेश दीपावली से पहले निकाला जाता तो बड़ी जनहानि को रोका जा सकता था।
गृह विभाग द्वारा जारी निर्देश के सात दिन बाद 23 अक्टूबर को अपर कलेक्टर प्रकाश नायक ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्थाएं व्यापारी प्रतिबंधात्मक पटाखा, आतिशबाजी, लोहा स्टील अथवा पीवीसी पाइपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संशोधित पटाखे (कार्बाइड गन) का निर्माण, भंडारण, विक्रय नहीं करेगा और न ही बेचेगा। इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, इसकी निगरानी एसडीएम, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और संबंधित विभाग करेंगे।
कार्बाइड पाइप गन के खिलाफ कार्रवाई पहले से जारी है और 50 गन भी जब्त की गईं थी। अब स्थानीय पुलिस के सहयोग से गहन निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके पास यह गन या कार्बाइड मिलता है तो उसके खिलाफ बीएनएस की धाराओं के अतिरिक्त विस्फोटक अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। सभी घायलों का उपचार चल रहा है, आवश्यकता लगने पर हर संभव मदद की जाएगी।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर