नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। राजधनी सहित पूरे प्रदेश में न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने हड़ताल खत्म कर दी है। वह मंगलवार से तहसील न्यायालयों में सुनवाई करने के साथ ही राजस्व संबंधी सभी मामलों को देखेंगे।छह अगस्त से शुरू हुई कलमबंद हड़ताल के चलते राजधानी की तहसीलों में करीब छह हजार से अधिक प्रकरण लंबित हो गए हैं।अब इनका निराकरण करने तहसीलदारों के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। बता दें कि मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के नेतृत्व में हड़ताल की जा रही थी।
संघ के प्रतिनिधि मंडल के साथ सोमवार को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल की बैठक हुई। इसमें विभाग की ओर न्यायिक व गैर न्यायिक कार्य विभाजन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसमें कलेक्टर पहले की तरह कसी भी राजस्व अधिकारियों के मध्य कार्य का अंतरण कर सकते हैं। कोई एक अधिकारी किसी भी राजस्व संबंधी कार्य लंबे समय तक नहीं करने सहित अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इस पर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का प्रतिनिधि मंडल राजी हो गया और मंगलवार से राजस्व संबंधी कार्य शुरू करने का निर्णय ले लिया। संघ के प्रांताध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि शासन ने न्यायिक व गैर न्यायिक कार्य का विभाजन कर दिया था। जैसे जो राजस्व अधिकारी न्यायिक कार्य करेंगे, वे गैर-न्यायिक कार्य नहीं कर सकेंगे।
इसी तरह जो अधिकारी गैर न्यायिक कार्य करेंगे, वे न्यायिक कार्य नहीं करेंगे। इसी के विरोध के चलते छह अगस्त से तहसीलदार व नायब तहसीलदार राजस्व संबंधी कार्य नहीं कर रहे थे। सिर्फ आपदा प्रबंधन का काम देख रहे थे। अब कुछ दिशा-निर्देशों के साथ शासन हमारी मांग मानने को राजी हो गया है, इसलिए राजस्व संबंधी काम करने का निर्णय लिया है।
जिले की तहसील और वृत्त कोलार, बैरसिया, हुजूर, गोविंदपुरा, टीटी नगर, एमपीनगर, शहर, बैरागढ़ तहसीलों में 13 दिन बाद काम शुरू होगा।इसके चलते पेशी सहित अन्य मामलों को लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। ऐसे में न्यायालयों में खासी भीड़ रहेगी।इन न्यायालयों में नामांतरण, सीमांकन, जाति, आय, स्थानीय प्रमाण पत्र सहित करीब छह हजार से अधिक प्रकरण लंबित हैं। ।