सुशील पांडेय, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार विलासितापूर्ण टेंट सिटी के जरिए पर्यटन को रफ्तार देने की तैयारी में है। थ्री स्टार सुविधाओं वाली यह टेंट सिटी पर्यटन महोत्सव के दौरान बसाई जाएगी। इसका आयोजन प्राकृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद प्रसिद्ध सात पर्यटन स्थलों पर सितंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच होगा।
पर्यटन मंडल अभी तक हनुवंतिया, गांधीसागर, चंदेरी और कूनो में पर्यटन महोत्सव का आयोजन करता आ रहा है, जहां टेंट सिटी लगाई जाती है। देसी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस साल से ओरछा, मांडू और तामिया में भी इस आयोजन की तैयारी है, जहां टेंट सिटी स्थापित की जाएंगी। यह अस्थायी ढांचा 90 दिनों के लिए खड़ा किया जाएगा। पर्यटन मंडल के कंपनी सचिव अंकित कौरव ने बताया कि इन स्थलों पर टेंट सिटी स्थापित करने और संचालन के लिए निजी कंपनियों के साथ दीर्घकालिक अनुबंध होना है।
ये अनुबंध अब पांच से दस वर्षों के लिए होंगे। ओरछा, मांडू, तामिया और हनुवंतिया में टेंट सिटी के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। कूनो और गांधी सागर में टेंट सिटी गुजरात स्थित लालूजी एंड संस और चंदेरी में सनसेट रिजर्व द्वारा स्थापित की जाएंगी। टेंट सिटी तैयार होते ही बुकिंग शुरू हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि गांधीसागर में सितंबर से ही टेंट सिटी की शुरुआत होगी।
चंदेरी और कूनो में इसकी शुरुआत अक्टूबर में होगी। इसके बाद हनुमंतिया, मांडू, तामिया और ओरछा में नवंबर माह से टेंट सिटी लगा दी जाएगी। ओरछा, मांडू, तामिया, हनुवंतिया और चंदेरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए जाने जाते हैं। वहीं गांधीसागर पिछले कुछ वर्षों में एक जल क्रीड़ा स्थल के रूप में उभरा है, जबकि कूनो वन्यजीव प्रेमियों के लिए मनोरंजक छुट्टियां प्रदान करता है।
महोत्सव में पैराग्लाइडिंग, हाट एयर बैलूनिंग, रिवर क्रूज, ट्रैकिंग और बोटिंग मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं। झीलों वाले स्थलों पर जल क्रीड़ा की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। योग और ध्यान सत्र तथा आयुर्वेदिक उपचार की व्यवस्था भी इस महोत्सव का हिस्सा होगी। लोक नृत्य, शास्त्रीय संगीत समारोह और नाटक आगंतुकों को राज्य की कला और संस्कृति से परिचित कराएंगे। आगंतुक स्थानीय हस्तशिल्प वस्तुएं खरीद सकेंगे और स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे।
तीन नए स्थलों पर भी टेंट सिटी की शुरुआत करने का उद्देश्य इन स्थलों को टूरिज्म सर्किट से जोड़ना है। इससे इन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान और प्रदेश में पर्यटन को गति मिलेगी। - विदिशा मुखर्जी, अपर प्रबंध संचालक, मप्र पर्यटन मंडल।