नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अपने बुजुर्ग माता-पिता को सहारा देने की बजाए बेटे उनको बेघर करना चाह रहे थे। उनकी जिंदगीभर की कमाई से बनाए गए मकानों पर कब्जा करने की तैयारी में थे। अब बेटों को अगले 30 दिन में खुद की व्यवस्था करनी होगी, यदि नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जुर्माना दोनों लगाया जाएगा। दरअसल बेटों की प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्ग दंपती ने गोविंदपुरा एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के न्यायालय में न्याय की गुहार लगाई थी।
एसडीएम ने दोनों मामलों में सुनवाई करते हुए भरण पोषण अधिनियम के तहत आदेश जारी किए हैं। यदि इन आदेशों का पालन बेटों के द्वारा नहीं किया जाता है तो उनको तीन महीने की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
ओल्ड सुभाष नगर शिव मंदिर के पास गोविंदपुरा के रहने वाले रामाधार कोधरे ने बताया कि उन्होंने बेटे रमेश कोधरे को मिनाल रेसीडेंसी में मकान दिलवाया था। इसके बाद भी वह उनके घर आकर परेशान करता है, मारपीट - गाली गलौज करता है। मकान खाली कर कब्जा करना चाहता है। मामले में एसडीएम ने बेटे रमेश और माता-पिता के बयान लिए। सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं कि रमेश कोधरे अपने परिवार सहित 30 दिन के अंदर स्वयं के निवास की व्यवस्था मिनाल रेसीडेंसी वाले मकान या अन्य स्थान पर कर लें।
करमवीर नगर जेके रोड रहने वाले ईश्वर दयाल शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका बेटा संतोष कुमार शर्मा पंजाब से आठ मई को वापस आया है। वह उन पर मकान बेचने का दबाव बना रहा है। वह और उनकी पत्नी वृद्धावस्था में है और बीमार रहते हैं। मकान के अलावा कोई अन्य संपत्ति भी नहीं है।
पूर्व में बेटे को आठ लाख रुपये तक दे चुके हैं। एसडीएम ने माता-पिता और बेटे की सुनवाई करते हुए बयान दर्ज किए। इसके बाद आदेश दिए हैं कि संतोष कुमार शर्मा अपने व स्वजनों के साथ रहने की व्यवस्था अन्य किसी स्थान पर 30 दिन में कर लें।