नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: भोपाल और आसपास के जिलों में करीब 15 हजार करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। नवाब हमीदुल्ला खान की निजी संपत्ति को लेकर सैफ अली खान और अन्य वंशजों के बीच चल रहे मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इस फैसले से सैफ अली खान के परिवार को राहत मिली है, लेकिन नवाब के वारिसों के खिलाफ नया सुनवाई दौर शुरू हो सकता है।
नवाब हमीदुल्ला के तीन भाई थे, जिनमें वह सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई नसरुल्ला खान को नवाब बनाया जाना था, लेकिन अंग्रेज सरकार ने 1925 में हमीदुल्ला को नवाब बनाया। बाद में नसरुल्ला का निधन हो गया और ओबेदुल्ला के वंशज जहांनुमा के मालिक उमर अली और फारूख अली हैं।
1972 में नवाब के दूसरे वंशजों ने साजिदा सुल्तान के खिलाफ मुकदमा दायर किया। इसमें भारत सरकार ने आबिदा के पाकिस्तान जाने के बाद साजिदा सुल्तान को उत्तरदायी माना, जिससे सारी निजी संपत्ति उनके नाम हो गई। दूसरी ओर, वंशजों का दावा है कि इस्लामी कानून के तहत प्रॉपर्टी सभी को मिलनी चाहिए। इस पर सिविल कोर्ट में केस चल रहा है।
अधिवक्ता जगदीश छावानी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय अभी उपलब्ध नहीं हुआ है, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया है।
पहले के आदेश
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी ने सैफ अली खान की पुश्तैनी संपत्ति विवाद पर ट्रायल कोर्ट को पुनः सुनवाई के निर्देश दिए थे। 14 फरवरी 2000 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को दोषपूर्ण मानते हुए रद्द कर दिया गया था।
घटना क्रम
2000: निचली अदालत ने साजिदा सुल्तान और उनके परिवार को संपत्ति का विशेष उत्तराधिकारी माना।
30 जून 2025: एमपी उच्च न्यायालय ने उक्त निर्णय रद्द कर पुनर्जीवित सुनवाई का आदेश दिया।
8 अगस्त 2025: सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया।