
नईदुनिया प्रतिनिधि,खजुराहो। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर मंगलवार को खजुराहो के जवारी मंदिर पहुंचे। उन्होंने वहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा की दोबारा स्थापना के लिए प्रार्थना करने की घोषणा की है।
दो दिन तक प्रार्थना करेंगे
राकेश किशोर ने बताया कि वह बुधवार सुबह 10 बजे से जवारी मंदिर के सामने बैठकर दो दिन तक प्रार्थना करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर विष्णु भगवान की मूर्ति के सिर को जोड़ा भी जाए, तब भी वह खंडित ही रहेगी। इसलिए या तो उसके बगल में नई मूर्ति स्थापित कर पूजा शुरू की जाए या फिर मौजूदा मूर्ति को गंगा में विसर्जित कर समान प्रतिमा लगाई जाए।
वीडियो किया जारी
उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो जारी कर लोगों से खजुराहो पहुंचकर इस प्रार्थना में शामिल होने का आह्वान भी किया है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी दीक्षांत चावरे ने बताया कि खजुराहो में संरक्षित धरोहरों के पास पूजा, अर्चना, ध्यान या योग जैसी कोई गतिविधि करना पूरी तरह प्रतिबंधित है। राकेश किशोर ने ऐसी किसी भी धार्मिक गतिविधि के लिए अनुमति नहीं ली है। नियमों का उल्लंघन करने पर विभाग कार्रवाई करेगा।
सीजेआई की टिप्पणी के बाद विवाद
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति के पुनर्निर्माण संबंधी राकेश किशोर की याचिका खारिज कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने उस दौरान कहा था कि "भगवान से कहो कि वही कुछ करें।" इस टिप्पणी के बाद वकील किशोर ने नाराजगी जताते हुए यह धार्मिक प्रार्थना करने का निर्णय लिया।
संरक्षण पर उठाए सवाल
राकेश किशोर ने भारतीय पुरातत्व विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंदिर में इतनी ज्यादा चमगादड़ें हैं कि कोई व्यक्ति मूर्ति या परिसर के पास खड़ा नहीं हो सकता। पत्थरों में दरारें हैं, मंदिर जर्जर हो रहा है और एएसआई केवल नाममात्र का संरक्षण कर रहा है।
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