नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ग्वालियर से झांसी के बीच 101 किमी. लंबे फोरलेन हाइवे की मरम्मत का काम नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) द्वारा कराया जाएगा है। एनएचएआइ इस हाइवे पर टोल की वसूली तो कर ही रही है, लेकिन अब हाइवे पर जगह-जगह गड्ढों की समस्या पैदा हो गई है।
ऐसे में अब 1.72 करोड़ रुपये की लागत से साढ़े 82 किमी की लंबाई में गड्ढों को भरने और जहां-जहां जरूरत है, वहां पेवर्स लगाने का काम भी किया जाएगा। इससे पूर्व में लगभग 1.75 करोड़ रुपये की लागत से वर्षा के दौरान ग्वालियर-आगरा हाइवे की मरम्मत का काम कराया गया था, लेकिन अब ग्वालियर-झांसी हाइवे पर भी मरम्मत की जरूरत पड़ रही है।
दरअसल, वर्षा के सीजन में हाइवे पर निकलने वाले भारी वाहनों के कारण सड़कों की हालत खराब होती है। गड्ढों के कारण ब्लैक स्पॉट के साथ ही एक्सीडेंट स्पॉट भी तैयार हो जाते हैं। इनके कारण हाइवे पर एक्सीडेंट होने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा इंटरचेंज के आसपास भी ब्रेक लगने के कारण सड़क खराब होती है। इसके चलते इन स्थानों पर काम कराया जाएगा। ग्वालियर-झांसी हाइवे पर हर दिन 30 हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। इसके कारण सड़क की स्थिति जल्द खराब हो जाती है।
एनएचएआइ ने हाइवे के गड्ढों को भरने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है, जिसकी शर्तों के अनुसार चयनित कंपनी को तीन माह में साढ़े 82 किमी. लंबाई में जगह-जगह खराब हुई सड़क को ठीक करना होगा। इसके अलावा तीन वर्षों तक इस कार्य का रखरखाव भी करना होगा। यदि किया गया कार्य खराब होता है, तो अगले तीन साल तक उसे दोबारा करना होगा।
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सांसद भारत सिंह कुशवाह ने गत जुलाई माह में भोपाल में एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारियों से मुलाकात कर नेशनल हाइवे 44 के ही ग्वालियर-झांसी खंड के अंतर्गत डबरा से ग्वालियर के बीच बिलौआ तिराहा और अरु तिराहा पर बने हुए ब्लैक स्पॉट खत्म करने के साथ ही हाइवे की मरम्मत की भी मांग की थी। सांसद ने मांग की थी कि इन दोनों स्थानों पर फ्लाइओवर का निर्माण कर दिया जाए, ताकि यहां हो रहे हादसों की संभावना काफी कम हो जाए। एनएचएआइ के अधिकारियों ने भी इस दिशा में काम करने का आश्वासन दिया था।