अनूप भार्गव. नईदुनिया ग्वालियर। महिला के पेट में सर्जरी के बाद कैंची छोड़ने की लापरवाही करने वाले डाक्टरों के नाम छिपाने में अस्पताल का पूरा तंत्र लगा हुआ है। मामला उजागर होने के 24 घंटे बाद भी अब तक अस्पताल प्रबंधन दस्तावेज खंगालने में ही लगा है, जबकि अब तक लापरवाह चिकित्सकों पर कार्रवाई तय हो जाना चाहिए थी।
कमलाराजा अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही के कारण भिंड जिले की कमलादेवी 20 माह से पीड़ा के साथ जीने को मजबूर थी। शनिवार को करीब एक घंटा चले आपरेशन के बाद उनके पेट से सर्जीकल कैंची तो निकाल ली गई, लेकिन वे नाम अब भी सामने नहीं आ सके हैं जिन्होंने कमलादेवी को दर्द दिया। कमलादेवी के साथ लापरवाही की यह घटना 22 फरवरी 2023 को ओवेरियन कैंसर के आपरेशन के दौरान हुई थी।
गोरमी के सोंधा गांव निवासी 40 वर्षीय कमलादेवी पत्नी कमलेश जाटव को ओवेरियन कैंसर हुआ था। उपचार के लिए पति कमलेश उनको ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां डाक्टरों की टीम ने 22 फरवरी 2023 को आपरेशन किया। इसके बाद ही कमलादेवी के पेट में दर्द रहने लगा। ऐसे में उनको कमलेश दर्द निवारक दवा देते रहे, लेकिन आराम नहीं मिला।
तबीयत ज्यादा बिगड़ने गुरुवार की शाम कमलेश कमलदेवी को जिला अस्पताल भिंड लेकर पहुंचा। जहां सीटी स्कैन के बाद राजफाश हुआ कि पेट में कैंची होने के कारण दर्द हो रहा है। जिला अस्पताल भिंड से कमलादेवी को ग्वालियर के जेएएच रेफर किया गया। यहां उनको कमलाराजा अस्पताल के गायनिक विभाग में भर्ती किया गया। शनिवार को डाक्टरों ने आपरेशन कर कैंची निकाली। फिर कमलादेवी को आइसीयू में शिफ्ट किया गया है।
कमलाराजा अस्पताल के गायनिक विभाग में 22 फरवरी 2023 हो हुए आपरेशन के बाद भर्ती रही कमलादेवी के डिस्चार्ज टिकट पर डा. यू त्रिपाठी व डा. पी शर्मा का नाम लिखा है, लेकिन अब तक यह तय नहीं हो सका है कि आपरेशन किसने किया। अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले को दबाने के साथ लापरवाह चिकित्सकों के नाम छिपाने में लगा हुआ है। कमलादेवी के पति कमलेश का कहना है कि कैंसर वार्ड से एक पर्ची लिखकर केआरएच भेजा गया था जिस पर डा. त्रिपाठी का नाम लिखा था।
कमलादेवी के पति कमलेश ने कहा कि आपरेशन के बाद कैंची दिखाने के लिए डाक्टरों से कहा, तो उन्होंने कैंची दिखाने से इनकार कर दिया। काफी मन्नत करने के बाद कैंची दिखाई, लेकिन जब मेरे द्वारा फोटो लिए गए तो मेरा मोबाइल छीनकर फोटो डिलीट कर दिए गए। उनका कहना था कि डाक्टरों की लापरवाही के कारण मेरी पत्नी आज इस स्थिति में है और डाक्टर का रवैया अब भी ठीक नहीं हैं।
वर्ष 2023 में कमलादेवी का आपरेशन कर लापरवाही बरतने वाले डाक्टर के नाम को लेकर अस्पताल प्रबंधन चुप है। इस मामले को लेकर गायनिक विभाग की विभागाध्यक्ष डा.यशोधरा गौर उनका पक्ष जानने के लिए कई बार काल किए गए, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। जबकि डाक्टरों द्वारा लापरवाही बरतकर पेट में छोड़ी गई कैंची से कमलादेवी की जान भी जा सकती थी।
महिला का सफल आपरेशन कर कैंची निकाल ली गई है। महिला के पति के आरोप के बाद मामले की जांच की जा रही है। वर्ष 2023 का डाटा मंगाया गया है। जिसके आधार पर यह तय हो सके कि आपरेशन किसने किया था।
डा. सुधीर सक्सेना, अधीक्षक,जेएएच