
अमित मिश्रा, नईदुनिया ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बच्चे असुरक्षित हैं। बंगाल के बाद मप्र ही ऐसा प्रदेश है, जहां से सबसे ज्यादा बच्चे लापता हुए। इसमें बालिकाओं की संख्या 12 हजार 542 है। एनसीआरबी की रिपोर्ट यह हकीकत बताती है। यही वजह है-गुम हुए बच्चों खासकर बालिकाओं को तलाशने के लिए पूरे प्रदेश में एक नवंबर से ऑपरेशन मुस्कान शुरू किया गया है। पुलिस मुख्यालय के आंकड़े बताते हैं- 2872 ऐसी बालिकाएं हैं, जिन्हें पुलिस अब तक नहीं खोज सकी है। इसमें 1076 बालिकाएं 2025 से पहले से लापता हैं।
कई तो दस साल से अधिक समय से लापता हैं। एक नवंबर से प्रारंभ हुआ यह अभियान 30 नवंबर तक जारी रहेगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर इंटरनेट मीडिया तक की मदद पुलिस लेगी। एआई के जरिये पुलिस की फाइल में जो पुराने फोटो हैं, उनके अनुसार वर्तमान का हुलिया वाली फोटो तैयार कराई जाएगी। इससे पुलिस इनकी तलाश करेगी। पुलिस मुख्यालय द्वारा बाकायदा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की है।
यह एसओपी 2017 में तब बनाई गई थी जब वर्तमान डीजीपी कैलाश मकवाणा एडीजी सीआइडी के पद पर पदस्थ थे। उस समय उन्हीं के द्वारा यह एसओपी तैयार कराई गई थी। इसी एसओपी में निर्धारित बिंदुओं के आधार पर बालिकाओं की तलाश शुरू करनी है।
मप्र के जिलों से 2872 बालिकाएं ऐसी हैं, जो लापता हुईं, लेकिन पुलिस इन्हें तलाश नहीं सकी। इसमें 459 ऐसी बालिकाएं हैं, जो 2015 के पूर्व से लापता हैं। 617 ऐसी बालिकाएं हैं, जो 2015 से 2022 के बीच लापता हुई लेकिन पुलिस इन्हें नहीं ढूंढ सकी। 1796 बालिकाएं इसी वर्ष लापता हुई। इनकी तलाश अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।
फेसबुक : नो मोर मिसिंग, शनल सेंटर फार मिसिंग।
यह मोबाइल नंबर : 7042425544
एसपी- 5
एएसपी- 5
डीएसपी महिला सेल- 15
सीएसपी एवं एसडीओपी- 10
थाना प्रभारी- 10
पहले दिन पुलिस ने तीन किशोरियों को किया बरामद l मुरार क्षेत्र से 13 वर्षीय बालिका गुम हुई थी। उसे इंदौर से बरामद कर लिया गया। उसका अपहरण करने वाले आरोपित प्रदीप सिंह की तलाश चल रही है, वह वेंडर है। l जनकगंज क्षेत्र से लापता हुई 14 वर्षीय किशोरी को ग्वालियर से बरामद किया गया है। l चार साल से लापता 13 वर्षीय किशोरी की लोकेशन प्रयागराज में मिली है। उस तक पुलिस पहुंच गई है।
बच्चों की तलाश के लिए ऑपरेशन मुस्कान की शुरुआत हुई है। इस साल अभी तक 93 प्रतिशत बच्चों को बरामद किया है। शेष बच्चे और पूर्व के सालों में लापता हुए बच्चों की तलाश के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ टीमें बाहर भी भेजी जाएंगी। जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। -धर्मवीर सिंह, एसएसपी।