
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बीआरटीएस तोड़ने की शुरुआत के एक दिन बाद ही नगर निगम को इसे तोड़ने की रणनीति में बदलाव करना पड़ा। पहले तय हुआ था कि बीआरटीएस को दिन में भी तोड़ा जाएगा। शनिवार को इसकी शुरुआत हो भी गई, लेकिन रैलिंग निकालने के बाद जब बीआरटीएस के बीम को ब्रेकर से तोड़ने का काम शुरू हुआ तो बीम से निकलने वाली गिट्टी उड़कर वहां से गुजर रहे वाहनों से टकराने लगी।
दुर्घटना की आशंका को देखते हुए काम रोक दिया गया। तय किया गया कि बीआरटीएस को तोड़ने का काम दिन में नहीं किया जाएगा। दिन के समय बीआरटीएस के बस स्टॉप हटाए जाएंगे और रात के समय बीआरटीएस तोड़ा जाएगा। नई नीति के हिसाब से बीआरटीएस को पूरी तरह से हटाने में करीब छह माह का समय लगेगा। जिस जगह से बीआरटीएस हटाया जाएगा वहां नगर निगम फिलहाल बेरिकेड्स रखवाएगा क्योंकि बीआरटीएस के स्थान पर बनाए जाने वाली डिवाइडर के लिए तीसरी एजेंसी अब तक तय नहीं हो सकी है।
डिवाइडर का काम तीन एजेंसियों को मिलकर करना है। इंदौर में बीआरटीएस का जीवन लगभग 12 साल तीन माह का रहा। शुरूआत से ही यह प्रोजेक्ट विवादास्पद रहा। बीआरटीएस को लेकर दो जनहित याचिकाएं मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष दायर हुई थीं। पहली याचिका में इस प्रोजेक्ट को गलत बताते हुए इसे तोड़ने की मांग की गई थी तो दूसरे में इस प्रोजेक्ट की वजह से शासन को हुए नुकसान की भरपाई जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से करने और जिम्मेदारों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई थी।
27 फरवरी 2025 को हाई कोर्ट ने शासन को बीआरटीएस तोड़ने की अनुमति देते हुए याचिकाएं निराकृत कर दीं। कोर्ट के फैसले के लगभग नौ माह बाद शनिवार एक नवंबर से नगर निगम द्वारा तय एजेंसी ने बीआरटीएस और इस पर बने बस स्टॉप को तोड़ने का काम शुरू किया है। बीआरटीएस तोड़ने में कम से कम छह माह लगेंगे। निगम ने डिवाइडर निर्माण में हो रही देरी को देखते हुए निर्णय लिया है कि फिलहाल जहां-जहां बीआरटीएस टूटेगा वहां अस्थाई डिवाइडर के रूप में बेरिकेड्स लगाए जाएंगे।
दुर्घटनाओं की आशंका के चलते बीआरटीएस तोड़ने की नीति में थोड़ा बदलाव किया गया है। दिन में बस स्टॉप हटाए जाएंगे। रात में बीआरटीएस तोड़ेंगे। डिवाइडर बनाने वाली एंजेंसी भी जल्द ही तय हो जाएगी। - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर