नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नागपंचमी पर शहर की गलियों और मोहल्लों में सपेरे सांपों की पूजा करवाने के लिए घूमते नजर आए। लोग भी परंपरा के अनुसार इन सांपों की पूजा करते दिखे, लेकिन इस दौरान वन विभाग पूरी तरह सतर्क रहा और अलग-अलग इलाकों में टीमों ने निगरानी रखी। डीएफओ प्रदीप मिश्रा के निर्देश पर इंदौर रेंज में तीन टीमें बनाई गईं थीं।
इंदौर रेंजर संगीता ठाकुर ने विजय नगर, भंवरकुआ और अन्नपूर्णा सहित आसपास के इलाकों में टीमों को नजर रखने को कहा गया। टीमें दिनभर गश्त करती रहीं। वन विभाग की टीमों ने कुल 28 सांपों को सपेरों से छुड़ाया और उन्हें सुरक्षित जंगलों में छोड़ दिया गया। वनकर्मियों ने बताया कि ज़्यादातर सपेरे चोरल, महू और सांवेर जैसे ग्रामीण इलाकों से सांप पकड़कर लाए थे।
कुछ सपेरों ने यह भी कहा कि वे जंगलों से सांप लाए हैं। जब वन विभाग ने कार्रवाई की तो कुछ जगहों पर विवाद की स्थिति भी बनी, लेकिन सपेरों को समझाइश देकर छोड़ा गया। वहीं एक सामाजिक संस्था (एनजीओ) ने भी वन विभाग की मदद की। उन्होंने भी कई जगहों पर जाकर सांपों को छुड़वाया।
कुछ सपेरे ऐसे भी मिले जो असली सांप की जगह केवल उनकी तस्वीर या नकली सांप लेकर पूजा करवाते घूम रहे थे। रेंजर ठाकुर ने कहा कि सपेरों के साथ ही रहवासियों को भी समझाइश दी गई। वे कहती हैं कि सांपों की पूजा धार्मिक आस्था से जुड़ी हो सकती है, लेकिन जीवित सांपों को पकड़कर कष्ट देना ठीक नहीं है।