
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के पूर्व कुलपति डा. नरेंद्र धाकड़ पत्नी अंजना धाकड़ और बेटी के साथ मंगलवार को कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने पुत्र अमित धाकड़ पर मारपीट कर संपत्ति के दस्तावेज पर जबरन हस्ताक्षर कराने के आरोप लगाए। उन्होंने कलेक्टर को शिकायत करते हुए सभी दस्तावेज और सामान दिलाने की मांग की।
धाकड़ का कहना है कि वे परेशान हो चुके हैं और अपना निवास बदल रहे हैं, इसलिए जहां अमित रहता है, उस पालीवाल नगर के घर में रखा मूल सामान और शैक्षणिक शोध आदि सभी दस्तावेज दिलाए जाएं। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
विवाद परिवार के एक कॉलेज को लेकर है। पूर्व कुलपति धाकड़ का कहना था कि जैन दिवाकर कॉलेज का संचालन 2006 से किया जा रहा है। इसकी भूमि पांच करोड़ की है, जिस पर भवन बना है। इस पर बैंक आफ महाराष्ट्र का 9.90 करोड़ रुपये का लोन है। यह ऋण कॉलेज के संचालन के लिए लेना पड़ा। वह भवन बनाने के लिए अन्य अचल संपत्ति का विक्रय करना चाहते थे, किंतु अमित ने दस्तावेज छुपाकर रख लिए।
विगत तीन माह से अमित कॉलेज की फीस प्राप्त कर रहा है, किंतु बैंक लोन का भुगतान नहीं कर रहा है। अंजना धाकड़ का कहना था कि कुछ दिन पहले अमित ने सांवेर रोड की फैक्ट्री अपने नाम करा ली। अब कॉलेज को अपने नाम कराने के लिए झगड़ा कर रहा है।
आरोप है कि दो दिन पहले अमित ने मोबाइल छीनकर धाकड़ को एक कमरे में बंद कर दिया। वहीं कागज पर हस्ताक्षर कराए। सभी कागज और चेकबुक भी रख ली। कलेक्टर शिवम वर्मा का कहना है कि पूर्व कुलपति अपनी पत्नी और बेटी के साथ आए थे। उनके बेटे उन्हें परेशान कर रहे हैं। मामला पारिवारिक है, इसलिए उनके बेटे को बुलाकर समझाइश देंगे, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।