हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं के आदेश में बदलाव नहीं, इंदौर हाई कोर्ट बेंच ने राहत देने से किया इंकार
दो पेज के आदेश में कोर्ट ने हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं के जिला कलेक्टर के आदेश को यथावत रखते हुए याचिकाकर्ता को किसी भी तरह की राहत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिला कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है वह सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश में काम कर रही है।
Publish Date: Wed, 06 Aug 2025 08:19:34 PM (IST)
Updated Date: Wed, 06 Aug 2025 08:24:48 PM (IST)
कहा यातायात से जुड़ा मामला है, इस संबंध में पहले से चल रही याचिका के साथ होगी सुनवाई।HighLights
- जिला कलेक्टर ने 30 जुलाई 2025 को एक आदेश जारी किया था।
- कहा-दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल मिलेगा जो हेलमेट पहने होंगे।
- उन वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा जो हेलमेट नहीं पहने होंगे।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। जिला प्रशासन के हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं के आदेश में किसी भी तरह का बदलाव करने से हाई कोर्ट ने इंकार कर दिया है। इस आदेश को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर हुई थी। बीते सप्ताह याचिका से जु़ड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो बुधवार को जारी हुआ। आदेश में कोर्ट ने कहा कि यह यातायात से जुड़ा मुद्दा है। इसी मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका पहले से चल रही है। बेहतर होगा कि दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की जाए। यानी प्रशासन का हेलमेट को लेकर जो आदेश जारी हुआ है उसमें अभी तो कोर्ट ने कोई बदलाव या हस्तक्षेप नहीं किया है। मामले में अब शुक्रवार 8 अगस्त को सुनवाई होगी।
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- जिला कलेक्टर ने 30 जुलाई 2025 को एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा है कि एक अगस्त से शहर के पेट्रोल पंपों से सिर्फ उन्हीं दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल मिलेगा जो हेलमेट पहने होंगे।
- उन वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा जो हेलमेट नहीं पहने होंगे। इस आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश इनानी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
- इस याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता हेलमेट पहनने के नियम का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से इसका पालन कराया जा रहा वह तरीका गलत है।
- इस तरह का आदेश तब जारी किया जाता है जब कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो और लगे कि आदेश जारी नहीं करने की स्थिति में हंगामा, आंदोलन इत्यादि हो सकते हैं।
- पेट्रोल पंप पर ऐसी कोई स्थिति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की जिस समिति की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है।
- उसने शहर में ब्लेक स्पाट खत्म करने, लेफ्ट और राइट टर्न सही करने, शहर की सड़कों के गड्ढे खत्म करने, बंद पड़े सिग्नल चालू करने सहित कई सुझाव दिए थे।
- लेकिन इन पर काम करने के बजाय जिला प्रशासन ने हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं का आदेश जारी कर दिया।
- लगभग आधा घंटा चली बहस के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह बुधवार को जारी हुआ।
आठ अगस्त को होगी सुनवाई
कोर्ट अब इस मामले में आठ अगस्त को सुनवाई करेगी। इसी दिन शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को लेकर एक अन्य याचिका की सुनवाई भी होना है। यह याचिका राजलक्ष्मी फाउंडेशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बागडिया ने दायर की है। इस जनहित याचिका में कोर्ट ने शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें कलेक्टर, पुलिस आयुक्त, महापौर, प्रधान जिला न्यायाधीश और आरटीओ को सदस्य बनाया गया है।