स्विमिंग पुल पर खर्च कर डाले डेढ़ करोड़ रुपये, एक दिन भी इस्तेमाल नहीं हुआ, खुद सरकार ने स्वीकारा जनता के पैसों की बर्बादी
डेढ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार इस स्विमिंग पुल के लोकार्पण से लेकर आज तक एक दिन भी इसका उपयोग नहीं हुआ। सरकार ने इस स्विमिंग पुल के निर्माण में हुए घोटाले की जांच करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
Publish Date: Thu, 31 Jul 2025 07:28:08 PM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Jul 2025 08:18:42 PM (IST)
स्विंमिंग पूल। - सांकेतिक तस्वीर।HighLights
- 2011 में इस स्विमिंग पुल की स्वीकृति मिली थी।
- उस वक्त इसकी लागत थी करीब 135 लाख रुपये।
- बनते-बनते लागत 151 लाख रु. से अधिक पहुंच गई।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। जनता से टैक्स के रूप में मिली राशि को नगर निगम कैसे पानी में बहाता है इसका उदाहरण है बुरहानपुर में तैयार हुआ स्विमिंग पुल। वर्ष 2011 में इस स्विमिंग पुल की स्वीकृति मिली थी। उस वक्त लागत थी करीब 135 लाख रुपये। बनते-बनते इसकी लागत 151 लाख रुपये से अधिक पहुंच गई। आश्चर्य की बात यह कि डेढ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार इस स्विमिंग पुल के लोकार्पण से लेकर आज तक एक दिन भी इसका उपयोग नहीं हुआ। सरकार ने इस स्विमिंग पुल के निर्माण में हुए घोटाले की जांच करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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- यह जानकारी खुद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को विधानसभा में दी। वे विधायक अर्चना चिटनीस के सवाल पर लिखित जवाब दे रहे थे।
- इसमें उन्होंने स्वीकारा कि स्विमिंग पुल निर्माण में गड़बड़ी हुई है। स्विमिंग पुल का निर्माण जहां किया गया है वहां पानी का कोई स्रोत ही नहीं है।
- सिर्फ इतना ही नहीं इस स्विमिंग पुल में पानी ठहरता ही नहीं है। इस वजह से इसे भर पाना संभव नहीं है।
- जिम्मेदारों ने यह तक नहीं सोचा था कि जब स्विमिंग पुल में पानी ठहर ही नहीं रहा है तो उसका उपयोग होगा कैसे।
- यही वजह है कि लोकार्पण के बाद से आज तक इसका एक दिन भी उपयोग नहीं हुआ।
- विजयवर्गीय ने बताया कि स्विमिंग पुल का निर्माण बीआरजीएफ योजना के तहत स्कूली शिक्षा विभाग और निकाय निधि से किया गया था।
- गड़बड़ी की जांच के लिए हाल ही में तीन माह पहले एक समिति गठित की गई है।
- जांच समिति की रिपोर्ट के हिसाब से जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।