
कपिल नीले, नईदुनिया, इंदौर : प्रदेश में एविएशन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जहां सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालय में एविएशन पाठ्यक्रम शुरू करने में उत्साह दिखा रही थी। ठीक इसके विपरीत उच्च शिक्षा विभाग का रवैया देखने को मिल रहा है।
दरअसल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सवा साल पहले एविएशन पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए नया अध्ययनशाला की स्थापना की गई। मगर उच्च शिक्षा विभाग ने अध्ययनशाला तो छोड़कर छह पाठ्यक्रम को भी सूचीबद्ध नहीं किया है। अध्ययनशाला और पाठ्यक्रमों को कोड जनरेट नहीं हुआ है। विभाग की उदासीनता के चलते यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी अभी तक छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं हुए हैं।
बता दें कि एविएशन क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए विश्वविद्यालय ने 5 अगस्त 2024 को स्कूल ऑफ एविएशन, टूरिज्म और हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की स्थापना की। 2024-25 सत्र से बीबीए एविएशन, बीबीए लॉजिस्टिक, बीबीए रिटेल ऑपरेशन, दो और पांच वर्षीय एमबीए टूरिज्म पाठ्यक्रम चल रहे हैं।
पांच पाठ्यक्रम की 280 सीटें रखी गई हैं। इस साल दूसरी बैच में विद्यार्थियों को दाखिला दिया गया है। कोड न बनने के कारण विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन तक नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से करीब 280 विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित हैं। परेशान विद्यार्थियों ने अब तीसरे सेमेस्टर की फीस जमा करने से इनकार कर दिया है।
विश्वविद्यालय की ओर से कोड जनरेट करवाने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन और विभाग मुख्यालय में कई बार जमा करवाए जा चुके हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. यामिनी करमरकर का कहना है कि अब तक विभाग से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। हमने दस्तावेज दो से तीन बार भेजे हैं, लेकिन अब तक अध्ययनशाला और पाठ्यक्रम को कोड नहीं मिला है। इस कारण विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्थिति यह है कि कोड जनरेट न होने से विश्वविद्यालय आदिम जाति कल्याण विभाग में पंजीयन भी नहीं करा पा रहा। जब तक यह पंजीयन नहीं होता है तब तक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकेगी।
छात्रवृत्ति से वंचित होने के चलते विद्यार्थियों ने इस समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन अभी तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार एक तरफ नए कोर्स शुरू करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की बात करती है। वहीं दूसरी ओर विभाग की लापरवाही से उनके भविष्य पर असर पड़ रहा है।