नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सरकारी दस्तावेजों के लिए कागजी खानापूर्ति अब महंगी होने जा रही है। सरकार शपथ पत्र, अनुबंध लेख और पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए स्टाम्प शुल्क में बड़ी वृद्धि करने जा रही है। भोपाल में तैयारी हो चुकी है कि इन दस्तावेजों के लिए स्टाम्प शुल्क चार गुना तक बढ़ाया जाएगा। विधानसभा के जारी सत्र में स्टाम्प विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया जा चुका है।
वर्तमान में शपथ पत्र के लिए 50 रुपये का स्टाम्प शुल्क है। अनुबंध लेख और पावर ऑफ अटॉर्नी 1000 रुपये के स्टाम्प पर बनाए जाते हैं। संशोधन के बाद शपथ पत्र के लिए 200 रुपये का स्टाम्प लगेगा, जबकि अनुबंध लेख और पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए 5000 रुपये का स्टाम्प अनिवार्य कर दिया जाएगा।
सरकार स्टाम्प शुल्क बढ़ाकर अपना राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इससे आम लोगों पर सीधा असर पड़ेगा। छोटे-छोटे सरकारी काम और कागजी औपचारिकताएं महंगी हो जाएंगी।
वृद्धि पर शुरू हुआ विरोध
स्टाम्प शुल्क बढ़ाने के इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश स्टाम्प विक्रेता संघ के अध्यक्ष और भाजपा के व्यापारिक प्रकोष्ठ के पूर्व नगर मंत्री सुरेश चौहान ने कहा कि यह वृद्धि आम और मध्यम वर्गीय लोगों को प्रभावित करेगी। उन्होंने बताया कि चार गुना वृद्धि न तो व्यावहारिक है और न ही तार्किक। संघ ने इस पर पुनर्विचार की मांग करते हुए पार्टी और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है।
सरकारी खानापूर्ति होगी महंगी
स्टाम्प शुल्क वृद्धि का असर हर वर्ग पर पड़ेगा। बिजली कनेक्शन, मीटर नामांतरण, कॉलेज और शिक्षा में दिए जाने वाले शपथ पत्र, सरकारी प्रमाणपत्र जैसे आय और जाति प्रमाणपत्र, सरकारी सेवा में इस्तेमाल होने वाले शपथ पत्र सहित अन्य कामों की लागत बढ़ जाएगी। पुलिस द्वारा जब्त गाड़ी छुड़वाने के लिए अभी 1000 रुपये के स्टाम्प पेपर पर पावर ऑफ अटॉर्नी देना होता है, जो बढ़कर 5000 रुपये हो जाएगा।