नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। खंडवा जिले के मोरटक्का में नर्मदा नदी पर जल्द ही एक नया और अत्याधुनिक सिक्स लेन पुल बनने जा रहा है। यह पुल न केवल यातायात की सुविधा बढ़ाएगा। बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी खास होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस पुल को ‘आइकानिक ब्रिज’ के रूप में तैयार कर रहा है, जो ओंकारेश्वर जैसे पवित्र तीर्थ स्थल की पहचान को और मजबूत करेगा।यह पुल आने वाले वर्षों में धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत और यातायात सुविधा का संगम साबित होगा।
इसमें से 27 करोड़ रुपये केवल पुल की सजावट, धार्मिक मूर्तियों और आकर्षक डिज़ाइन पर खर्च किए जाएंगे, ताकि यह पुल पर्यटकों के लिए एक सुंदर अनुभव बन सके। सांसद शंकर लालवानी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस संबंध में मुलाकात की है। वे कहते है कि यह पुल केवल यातायात के लिए नहीं होगा। यह श्रद्धा, संस्कृति और नर्मदा मैया को समर्पित होगा।
नया पुल केवल एक आधुनिक निर्माण नहीं होगा, बल्कि यह धार्मिकता और भारतीय संस्कृति की झलक भी देगा। पुल के दोनों ओर माता अहिल्या और भगवान शिव की सुंदर प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। यह क्षेत्र महेश्वर से जुड़ा है, जहां अहिल्या बाई होल्कर का ऐतिहासिक महत्व है। साथ ही पुल से गुजरते समय वाहन धीमी गति से चलेंगे, जिससे यात्री नर्मदा नदी के दर्शन कर सकें।
पुल पर खास लाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे यह रात के समय बहुत ही आकर्षक नजर आएगा। इसकी डिज़ाइन में ऐसी विशेषताएं जोड़ी जाएंगी, जो इसे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए यादगार अनुभव बना देंगी।
यह पुल इंदौर-खंडवा-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा होगा। यह मार्ग क्षेत्र के विकास और यातायात सुविधा में अहम भूमिका निभाएगा। वर्तमान में मोरटक्का का पुराना पुल काफी संकरा और जर्जर हालत में है, जिससे आए दिन जाम की स्थिति बनती है। इसके अलावा बाढ़ के दौरान पुराने पुल को बंद करना पड़ता है। नया पुल इससे ज्यादा ऊंचा होगा, जिससे बाढ़ के समय भी यातायात बाधित नहीं होगा।
मौजूदा मोरटक्का पुल 1947 में बनाया गया था, जिसकी हालत अब बेहद खराब है। पिछले साल एनएचएआई और एसजीएसआइटीएस (इंदौर) की विशेषज्ञ टीम ने इसका निरीक्षण किया था। जांच में पाया गया कि पुल कमजोर हो चुका है, जिसके बाद 25 टन से अधिक भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अब बड़े ट्रकों और माल वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से भेजा जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट में आने वाले पुल की डिज़ाइन में बार-बार बदलाव होने के कारण निर्माण कार्य देरी से शुरू हुआ है। हालांकि,अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। कारण यह है कि राजमार्ग की डेडलाइन जनवरी 2025 रखी गई थी। मगर अभी सड़क का तीस फीसद काम बाकी है।