नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने राज्य शासन से पूछा है कि पूर्व मंत्री के दबाव में सागर के आदिवासी द्वारा की गई आत्महत्या से जुड़े मामले में शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है। हाई कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
सागर निवासी रेवा आदिवासी ने याचिका दायर कर बताया कि वह स्व नीलेश उर्फ नत्थू आदिवासी की विधवा है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के दबाव में नीलेश ने 25 जुलाई को आत्महत्या की थी।
आरोप लगाया गया कि जुलाई 2025 की शुरुआत में, मृतक नीलेश को विधायक भूपेंद्र सिंह के कार्यकर्ताओं ने धोखे से विधायक के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट के तहत झूठी व मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज कराने के लिए मजबूर किया। दुरुपयोग का एहसास होने पर मृतक नीलेश ने शिकायत और शपथ पत्र प्रस्तुत बयान दर्ज कराए। इतना ही नहीं साजिश का पर्दाफाश करने के लिए एक सार्वजनिक वीडियो भी पोस्ट किया।
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इससे नाराज होकर विधायक के कार्यकर्ताओं ने उनका अपहरण किया और मारपीट की। लगातार धमकियां भी दीं। इससे तंग आकर नीलेश ने 25 जुलाई को आत्महत्या कर ली। परिवार में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। पर्याप्त सबूत, डिजिटल साक्ष्य देने के बावजूद स्थानीय पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। याचिका कर्ता ने इस आत्महत्या को हत्या बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।