
नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर: वायडी नगर थाना पुलिस को सात दिन पहले बाइपास से पकड़े गए 76 नकली नोटों के मामले में बड़ी सफलता मिली है। जांच के दौरान पुलिस अधिकारी पंजाब के पटियाला स्थित उस कारखाने तक पहुंचे, जहां से नकली नोट छापकर सप्लाई किए जा रहे थे। पुलिस ने वहां से मास्टरमाइंड गुरजीत सिंह को गिरफ्तार किया। अब तक इस गिरोह के छह आरोपियों को पकड़ा जा चुका है।
पटियाला स्थित कारखाने से पुलिस ने ₹500 के 640, ₹200 के 472 और ₹100 के 12 नकली नोट जब्त किए। साथ ही नकली नोट बनाने की सामग्री जैसे कलर प्रिंटर, नोट पर चिपकाने वाली हरे रंग की चमकीली पन्नी, स्केल, कटर और सादा कागज भी बरामद किए गए।
एसपी विनोद कुमार मीना ने बताया कि मुल्तानपुरा चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक कपिल सौराष्ट्रीय और वायडी नगर थाने के उपनिरीक्षक विनय बुंदेला ने 27 अक्टूबर को MIT चौराहे से तीन आरोपितों रियाज नियारगर (पिपलियामंडी), निसार हुसैन पटेल (बोतलगंज) और दीपक गर्ग (भीलवाड़ा, राजस्थान) को गिरफ्तार किया था। इनके पास से ₹500 के 76 नकली नोट बरामद हुए थे।
पूछताछ में इन आरोपियों ने गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी दी। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से हरियाणा के अंबाला पहुंचकर ग्राहक बनकर जाल बिछाया और संदीप सिंह बसैती (ग्राम लांडी, थाना शाहबाद) तथा प्रिंस अहलावद (ग्राम बरोट, थाना लडवा, जिला कुरूक्षेत्र) को ₹500 के 12 जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया।
दोनों से पूछताछ में मास्टरमाइंड गुरजीत सिंह का नाम सामने आया। मंदसौर पुलिस हरियाणा से आगे पंजाब की सीमा पार कर पटियाला पहुंची और ग्राहक बनकर गुरजीत से संपर्क किया। जब उसके कारखाने की पुष्टि हुई, तो पुलिस ने सनौर क्षेत्र में दबिश दी और गुरजीत सिंह उर्फ गुरिंदरजीत सिंह रविदासी निवासी मोहल्ला कसाबियो वाला, सनौर जिला पटियाला को गिरफ्तार किया।
गुरजीत ने स्वीकार किया कि उसने यूट्यूब से जाली नोट छापना सीखा और मप्र, राजस्थान, हरियाणा तथा पंजाब में नकली करेंसी सप्लाई की। पुलिस ने फैक्ट्री को सीज कर पूरे गिरोह का नेटवर्क उजागर किया है।