
सागर से अजय जैन, नईदुनिया। मध्य प्रदेश के सागर में शुक्रवारी और शनिचरी मोहल्लों से बीते पांच वर्षों में हिंदू परिवारों का पलायन बढ़ा है, लेकिन स्थिति सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं दिखती। हिंदू संगठन भी इस मुद्दे पर केवल ज्ञापन देने और उच्च स्तर पर रिपोर्ट भेजने तक सीमित रहे। हिंदू संगठन के लोगों और प्रभावित लोगों ने भी राज्य सरकार या जिला प्रशासन को औपचारिक शिकायत तक नहीं की है। इसी आधार पर प्रशासन ने भी कोई कदम नहीं उठाया। हिंदू आबादी में भरोसा लौटाने के लिए संवाद बढ़ाने जैसी पहल अब तक नहीं हुई।
दोनों मोहल्लों के लोगों से बातचीत में हर ओर से निराशा के स्वर ही सुनाई देते हैं। प्रभावित लोगों का कहना है कि मजबूर करने वाले लोगों को राजनीतिक संरक्षण है। उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा, लेकिन सच्चाई कहने से उनके परिवार की शांति जरूर भंग हो जाएगी।
शनिचरी क्षेत्र के एक हिंदू कारोबारी ने बताया कि पलायन वाली बात खुली किताब की तरह है। सभी संगठनों को यह बात वर्षों से पता है कि हालात खराब होते जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने सक्रियता नहीं दिखाई। इस वर्ष इन संगठनों ने संयुक्त रूप से एक प्रदर्शन जरूर किया था, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। ऐसे में हम लोग कैसे भरोसा कर लें कि हमारी बात सुनी जाएगी।
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अजय दुबे का कहना है कि कुछ महीने पहले ही उनके ध्यान में हिंदुओं के पलायन का विषय आया था। पता चला कि करीब 68 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने मकान बेच दिए हैं। अजय दुबे स्वीकार करते हैं कि उनकी प्रभावित परिवारों से कभी प्रत्यक्ष बात नहीं हुई। शुक्रवारी और शनिचरी क्षेत्रों में समुदाय विशेष के लोगों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। जब तक राज्य सरकार सख्त कदम नहीं उठाएगी, बदलाव की संभावना कम है। इस महीने होने वाली विहिप की विभागीय बैठक में पलायन के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा।
शिवसेना में कुलबुलाहट
पांच महीने पूर्व हुए प्रदर्शन के बाद शांत बैठी शिवसेना में अब आंदोलन की कुलबुलाहट शुरू हुई है। उप राज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने बताया कि वे जल्द ही हिंदू संगठनों की बैठक बुलाकर पलायन के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन करेंगे। पप्पू तिवारी का दावा है कि कई बार ज्ञापन देकर प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बजरंग दल ने वापसी की कोशिश की
बजरंग दल के जिला संयोजक सोनू कुमार सेन ने बताया कि उन्होंने पूरे क्षेत्र का सर्वे कर 110 लोगों की सूची बनाई जो यहां से पलायन कर गए। कुछ लोगों से उन्होंने संपर्क कर उन्हें वापस बसाने की कोशिश की, लेकिन मौजूदा माहौल के कारण लोग लौटने को तैयार नहीं हैं।
मानवाधिकार आयोग के पत्र के बाद दूसरे समुदाय को मकान बेचने वाले लोगों से संपर्क कर दबाव व परेशानी आदि के बारे में पूछकर ही रजिस्ट्री हो रही हैं। दबाव में संपत्ति बेचकर जाने जैसी कोई शिकायत ही अब तक सामने नहीं आई। -अमन मिश्रा, एसडीएम, सागर