
नईदुनिया प्रतिनिधि, सिवनी: मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर नागपुर नेशनल हाईवे के समीप स्थित सुकतरा हवाई पट्टी को जिला प्रशासन ने 18 दिसंबर, गुरुवार को सील कर दिया। यह कार्रवाई कलेक्टर के आदेश पर की गई। कुरई के प्रभारी एसडीएम विजय सेन, तहसीलदार हिमांशु कौशल, सतीश चौधरी, नायब तहसीलदार दामोदर दुबे तथा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री आरके हनुमंते की मौजूदगी में हवाई पट्टी को विभागीय अधिपत्य में ले लिया गया।
अनुबंध के तहत मेस्को एरो स्पेस कंपनी को दी गई इस हवाई पट्टी को सील करने के बाद प्रवेश द्वार पर लोक निर्माण विभाग द्वारा आम सूचना भी चस्पा की गई। बीते कुछ वर्षों से यहां रेडबर्ड एविएशन कंपनी द्वारा विमान उड़ान प्रशिक्षण केंद्र संचालित किया जा रहा था। अप्रैल 2025 से अब तक प्रशिक्षण उड़ानों के दौरान तीन विमान हादसे हो चुके हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए।
8 दिसंबर की शाम 5.30 बजे एक प्रशिक्षु विमान 33 केवी बिजली लाइन से टकराने के बाद हवाई पट्टी से करीब 500 मीटर दूर आमगांव के खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार प्रशिक्षु अशोक छावा और प्रशिक्षक अजीत एंथोनी को मामूली चोटें आईं और दोनों सुरक्षित रहे। अगले दिन भोपाल से डीजीसीए की तीन सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंची थी। टीम ने फ्यूल सैंपल लेने के साथ ही ब्लैक बॉक्स भी रिकवर किया।
इससे पहले 30 मई को एक प्रशिक्षु विमान फॉल्ट लैंडिंग के चलते दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। वहीं 10 जून को एक अन्य प्रशिक्षु विमान रनवे से फिसलकर पलट गया था। इन घटनाओं के बाद लोक निर्माण विभाग की जांच में हवाई पट्टी में कई खामियां सामने आई थीं।
वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने सुकतरा हवाई पट्टी को 15 वर्ष की लीज पर मेस्को एरो स्पेस कंपनी को एरो स्पोर्ट्स एवं अन्य गतिविधियों के लिए दिया था, जिसके तहत कंपनी को प्रतिवर्ष 6 लाख रुपये लीज राशि चुकानी थी। नियमों के अनुसार प्रशिक्षण उड़ानों की मासिक जानकारी डीजीसीए को देना अनिवार्य था, लेकिन इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने और लीज शर्तों के उल्लंघन पर राज्य सरकार एवं डीजीसीए ने कार्रवाई करते हुए हवाई पट्टी व प्रशिक्षण केंद्र को सील कर दिया।
प्रशासन ने न केवल पूरी हवाई पट्टी को सील किया, बल्कि परिसर में मौजूद विमानों को भी सीज कर लिया है। साथ ही कंपनी द्वारा जमा की गई अमानत राशि भी जब्त कर ली गई है। बकाया लीज राशि की वसूली की प्रक्रिया जारी है और भुगतान संबंधी जानकारी भोपाल कार्यालय से मांगी गई है।
घनी आबादी वाले क्षेत्र में लगातार प्रशिक्षु विमानों की उड़ानों से शहरवासी लंबे समय से चिंतित थे। तीसरी बार विमान दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ गई थी। 8 दिसंबर के हादसे में बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने से बादलपार और ग्वारी सब स्टेशन से जुड़े 80 से 90 गांवों के लगभग 16 हजार परिवार करीब 5 घंटे तक अंधेरे में रहे। मरम्मत के बाद रात 11 बजे विद्युत आपूर्ति बहाल की गई।