नईदुनिया प्रतिनिधि, विदिशा। पूर्व विधायक शशांक भार्गव जिस सड़क की मंजूरी अपने कार्यकाल में वर्ष 2022 में दिला चुके थे, सोमवार की शाम उसी अधूरी सड़क पर उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर कीचड़ में फिसल गई। उनका वाहन एक पुलिया से टकराकर रुका, जिससे बड़ा हादसा टल गया। यह सड़क तीन साल में भी पूरी नहीं बन सकी और महज डब्ल्यूबीएम तक सीमित है, डामरीकरण अब तक नहीं हुआ।
घटना के बाद भार्गव ने सिविल लाइन थाना प्रभारी को पत्र लिखकर सड़क निर्माण में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। इसकी जानकारी मिलते ही मंगलवार को ठेकेदार ने कीचड़ के कारण दलदल में तब्दील सड़क की मरम्मत कर दी।
करीबी गांव बेहलोट में शशांक भार्गव की खेती है। उनका रोज गांव जाना होता है। एक दिन पहले सोमवार की शाम को हल्की वर्षा के बाद वे अपने बोलेरो वाहन से गांव जा रहे थे। इसी दौरान पुलिया के पास कच्ची सड़क पर फैली कीचड़ में उनका वाहन तेजी से फिसलते हुए करीब बनी पुलिया के पास जाकर रुक गया। इस पुलिया पर भी रेलिंग नहीं थी। उनका कहना है कि यदि वाहन पुलिया पर नहीं रुकता तो अनहोनी हो जाती।
इसी दौरान गांव के ही बलवीर सिंह और हल्केराम भी मोटर साइकिल से इसी सड़क से निकले और गिर पड़े। उन्होंने थाना प्रभारी को लिखे पत्र में कहा है कि इसी जगह सड़क के बीच में ही ठेकेदार ने मिक्सचर मशीन भी खड़ी कर दी है। जिसके कारण आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। पत्र में सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार निलेश तिवारी के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्रकरण दर्ज करने, ठेकेदार का भुगतान रुकवाने और ठेका निरस्त कराने की मांग की है।
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शशांक भार्गव ने विधायक रहते हुए वर्ष 2022 में बंदेरा जोड़ से ग्राम बेहलोट में नेवन नदी तक चार किमी सड़क निर्माण के लिए करीब ढाई करोड़ रुपये की राशि मंजूर कराई थी। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग को बनाया था। विभाग की ओर से यह काम ठेकेदार निलेश तिवारी को दिया गया था। बीते तीन साल में इस सड़क पर सिर्फ मुरम और गिट्टी की ही सड़क बनाई गई है। इसमें भी 150 मीटर का हिस्सा छोड़ दिया गया है। सड़क पर अब तक डामरीकरण नहीं हुआ है। जिसके कारण वर्षा के दिनों में यह सड़क ग्रामीणों के लिए आफत बन गई है।
इस पूर मामले पर ठेकेदार निलेश तिवारी का कहना है कि इस सड़क पर कुछ लोगों की निजी जमीन भी आ रही है। सड़क निर्माण में भूमि अधिग्रहण का प्रविधान नहीं होने के कारण आपसी सहमति लेकर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इसी वजह से देरी हो रही है। जिस 150 मीटर पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ, उसके जमीन मालिक की अब तक सहमति नहीं हुई है। तिवारी का कहना था कि वर्षा का सीजन होने के कारण डामरीकरण का कार्य भी नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक की शिकायत के बाद मंगलवार को निजी खर्च पर सड़क की मरम्मत करा दी है।