
धर्म डेस्क: वैदिक पंचांग के अनुसार, रविवार 16 नवंबर 2025 को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन को वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य देव आत्मा, ऊर्जा और नेतृत्व के कारक माने जाते हैं। इस कारण सूर्य का राशि परिवर्तन व्यक्ति के आत्मविश्वास, पद-प्रतिष्ठा और करियर पर गहरा प्रभाव डालता है।

यह गोचर दोपहर 1 बजकर 37 मिनट पर होगा, और सूर्य देव 15 दिसंबर तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 16 दिसंबर को वे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस अवधि में सूर्य देव की स्थिति कुछ राशियों के लिए अत्यधिक फलदायी सिद्ध होगी, विशेष रूप से कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए।
सूर्य देव के वृश्चिक राशि में गोचर करने से कुंभ राशि वालों को करियर में बड़ी सफलता मिल सकती है। जो लोग सरकारी सेवा में हैं, उन्हें पदोन्नति या सम्मान मिलने की संभावना है। कार्यस्थल पर नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा और समाज में प्रतिष्ठा का स्तर ऊंचा होगा। पिता के साथ संबंध मधुर होंगे और उनके सहयोग से कार्यों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य लाभ होगा और शारीरिक कष्टों से राहत मिलेगी।
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य देव का यह गोचर अत्यंत शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बनेंगे। उच्च शिक्षा और विदेश यात्रा के अवसर मिल सकते हैं। जो लोग कानून, शिक्षा या प्रशासनिक सेवा से जुड़े हैं, उन्हें विशेष सफलता प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। सूर्य की कृपा से मान-सम्मान और प्रसिद्धि में भी वृद्धि होगी। सूर्य देव की नियमित पूजा, अर्घ्यदान और पवित्र नदियों में स्नान शुभ फल प्रदान करेगा।