
धर्म डेस्क। घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में वास्तु शास्त्र का अहम रोल माना जाता है। वास्तु के अनुसार, घर के किचन और बाथरूम की दिशा अगर सही न हो, तो इसका असर स्वास्थ्य, धन और पारिवारिक जीवन पर पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक बाथरूम और किचन किस दिशा में होने चाहिए।
वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय ज्ञान है, जो घर की बनावट, दिशा और ऊर्जा संतुलन से जुड़ा होता है। सही दिशा में बने कमरे घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, जिससे परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
किचन और बाथरूम घर के सबसे जरूरी हिस्से माने जाते हैं। इनकी गलत दिशा नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकती है, जिससे बीमारियां, आर्थिक परेशानियां और तनाव जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
वास्तु शास्त्र में किचन को अग्नि तत्व से जोड़ा गया है। इसलिए किचन के लिए दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) दिशा को सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिशा में किचन होने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
खाना बनाते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है। इससे सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। गैस चूल्हा या स्टोव दक्षिण-पूर्व कोने में रखें। अगर यह संभव न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा को दूसरा विकल्प माना जाता है।
वास्तु के अनुसार उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) और दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में कलह और आर्थिक नुकसान की संभावना बढ़ सकती है। किचन में सिंक या पानी का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, ताकि जल और अग्नि तत्व का संतुलन बना रहे।
बाथरूम को जल तत्व से जोड़ा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) दिशा बाथरूम के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। इस दिशा में बाथरूम होने से नकारात्मक ऊर्जा आसानी से बाहर निकल जाती है।
अगर उत्तर-पश्चिम संभव न हो, तो पश्चिम या उत्तर दिशा भी ठीक मानी जाती है। टॉयलेट सीट पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की ओर मुख करके होनी चाहिए। बाथरूम का फर्श उत्तर या पूर्व दिशा की ओर ढलान वाला रखें, जिससे पानी का निकास सही ढंग से हो सके।
कभी भी उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य और धन दोनों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। बाथरूम का दरवाजा उत्तर-पश्चिम दिशा में खुलना शुभ माना जाता है। हल्के रंग जैसे सफेद या हल्का नीला इस्तेमाल करें और बाथरूम को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
नोट - यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले वास्तु विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।