नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी आज मनाई जाएगी। साल में पुत्रदा एकादशी दो बार पड़ती है, एक पौष मास में और दूसरी सावन महीने में। इस पावन अवसर पर श्रद्धालु विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना करते हैं और व्रत रखकर संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व अत्यंत विशिष्ट माना गया है। सनातन धर्म मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, फालका बाजार स्थित राम मंदिर व विष्णु मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर थाटीपुर, गिर्राज मंदिर पर भगवान के विग्रह का दिव्य शृंगार किया जाएगा और फलहारी भोग लगेगा। इसके साथ ही व्रतधारी मंदिर में एकादशी की कथा का श्रवण कर दान-पुण्य करेंगे।
मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से संतान संबंधी समस्याओं का समाधान होता है। विशेषकर जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति की इच्छा होती है, वे श्रद्धापूर्वक इस व्रत का पालन करते हैं। इस एकादशी व्रत से न केवल संतान सुख प्राप्त होता है, बल्कि समस्त पापों का क्षय भी होता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत सच्चे भाव और संयम के साथ किया जाए तो भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसी भी मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से न केवल वर्तमान में संतान की रक्षा होती है बल्कि आगत संतान को भी आयुष्य की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि- मंगलवार को श्रद्धालु प्रात: काल स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करें। पीले पुष्प, तुलसी दल, पंचामृत और धूप-दीप से श्रीहरि का अभिषेक करें। भजन-कीर्तन और विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। शाम को कथा श्रवण और आरती के बाद फलाहार करें।