नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। विघ्न हरने विघ्नहर्ता 27 अगस्त को भाद्रपद की चतुर्थी के दिन घर-घर विराजेंगे। इससे पांच दिन पहले खरीदी का महामुहूर्त गुरु पुष्य 21 अगस्त को बनेगा। ज्योतिर्विदों के गणपति बप्पा के आगमन से पहले गुरु पुष्य का संयोग के आने का विशेष महत्व है। ऐसे में सोना-चांदी, भूमि-भवन, वाहन सहित सभी चल-अचल संपत्ति की खरीदारी लाभदायक है।
ज्योतिर्विदों के अनुसार नक्षत्रों का राज जब गुरुवार को आता है तो इसका विशेष महत्व होता है। इस बार दीपावली से पहली भी गुरु पुष्य का संयोग नहीं बनेगा। ज्योतिर्विद् अमितेश अड़ीचवाल ने बताया कि 21 अगस्त गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र सुबह 6:09 से मध्य रात्रि को 12:08 तक रहेगा। इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग भी है। वर्ष 2025 में गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग तीन बार बन रहा है। इसमें पहला 24 जुलाई, दूसरा 21 अगस्त और तीसरा 18 सितंबर का दिन है। इस बार दीपावली 20 अक्टूबर को है जबकि पुष्य नक्षत्र 15 अक्टूबर बुधवार के दिन आ रहा है। इसके चलते गुरु पुष्य का संयोग नहीं बनेगा। इसके अतिरिक्त रवि पुष्य 9 मार्च, 6 अप्रैल, 4 मई, 8 दिसंबर को है।
ज्योर्तिविद् विनायक चतुर्वेदी बताते है कि पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में जब यह गुरुवार के दिन आता है तो इसे बहुत शुभ माना जाता है।गुरु पुष्य योग में बृहस्पति और शनि दोनों ग्रहों का प्रभाव होता है, जो इसे ओर शक्तिशाली बनाता है।इसमें खरीदी के साथ ही मंत्र जाप, पूजा पाठ, और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।इस दिन क्रोध, ईष्या और द्वेष से बचना चाहिए।
इस वर्ष शुभ संयोग में बुधवार के दिन 27 अगस्त को घर-घर गणेश स्थापना होगी।गणपति बप्पा का सबसे प्रिय दिन बुधवार होता है। इस दिन कार्य में सिद्धि देने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1.54 से 27 अगस्त को दोपहर 3.44 बजे तक रहेगी।स्थापना के लिए श्रेष्ठ समय सुबह 11.10 से दोपहर 1.45 बजे तक रहेगा।