नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। श्रावण मास में सोमवार को निकलने वाली भगवान महाकाल की चौथी सवारी पर्यटन की थीम पर आधारित रहेगी। भक्तों को सवारी मार्ग पर नयानाभिराम झांकी के रूप में धार्मिक, ऐतिहासिक व वन्य पर्यटन की झलक दिखाई देगी। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा शंकराचार्य के एकात्म धार्म, ग्वालियर व चंदेरी सहित अन्य ऐतिहासिक स्थल, खजुराहों के मंदिर आदि पर झांकियां बनवाई जा रही है।
महाकाल मंदिर समिति द्वारा वर्ष 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुसार श्रावण-भाद्रपद मास की सवारियां अलग-अलग थीम पर निकाली जा रही है। सोमवार को निकलने वाली चौथी सवारी पर्यटन पर आधारित रहेगी। इसमें धार्मिक, ऐतिहासिक, वन्य व ग्रामीण पर्यटन का समावेश किया गया है। इन्हीं विषयों पर झांकी का निर्माण कराया जा रहा है।
धार्मिक पर्यटन की झांकी में उज्जैन का सांदीपनि आश्रम, ओंकारेश्वर स्थित शंकराचार्य के एकात्म धाम के दर्शन होंगे। ऐतिहासिक पर्यटन की झांकी में भक्त ग्वालियर व चंदेरी का किला तथा खजुराहो के मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। ग्रामीण पर्यटन की झांकी ओरछा में संचालित होम स्टे को प्रदर्शित करेगी। इसमें झांकी के दूसरे भाग में ओरछा के मंदिरों को भी दिखाया जाएगा।
वन्य पर्यटन की झांकी में कान्हा, पेंच, पन्ना तथा रातापानी टाइगर रिजर्व पर अधारित रहेगी। चार जनजातीय कलाकारों के दल शामिल होंगे श्रावण मास की चौथी सवारी में चार जनजातीय कलाकारों के दल भी शामिल रहेंगे। इसमें धार का भगोरिया, छिंदवाड़ा का भारिया, उज्जैन का मटकी तथा सिवनी का गोंड जनजातीय नृत्य दल प्रस्तुति देगा।