टेक्नोलॉजी डेस्क, इंदौर। आज के दौर में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। चैटिंग, कॉलिंग, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से लेकर हर जरूरी काम स्मार्टफोन से हो रहा है। इन जरूरी कामों के बीच में बैटरी का खत्म हो जाना परेशान करता है। पावर बैंक इस परेशानी का हल है।
पावर बैंक खरीदते समय सही ऑप्शन चुनना एक समझदारी भरा फैसला होता है, जो आपकी डिवाइस और सुरक्षा दोनों को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कि पावर बैंक खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हर स्मार्टफोन या डिवाइस एक तय वोल्टेज पर चार्ज होता है। अधिकांश फोन 5V पर चार्ज होते हैं, लेकिन कुछ हाई-एंड डिवाइसेज इससे अधिक वोल्टेज मांगते हैं। पावर बैंक आपके डिवाइस से कम वोल्टेज देता है, तो चार्जिंग बेहद धीमी होगी या बिल्कुल नहीं होगी।
अपने फोन के चार्जर या सेटिंग्स में जाकर डिवाइस की वोल्टेज आवश्यकता जांचें और उसके अनुसार पावर बैंक का चुनाव करें।
आपका पावर बैंक कम से कम एक बार आपके फोन को पूरी तरह चार्ज करने लायक होना चाहिए। इसके लिए पहले अपने फोन की बैटरी कैपेसिटी (mAh) देखें। यदि आपके फोन की बैटरी 4000 mAh है, तो पावर बैंक 8000–12000 mAh का होना चाहिए।
डबल या ट्रिपल बैटरी कैपेसिटी वाले पावर बैंक से आप कई बार फोन चार्ज कर पाएंगे और बार-बार पावर बैंक चार्ज करने की झंझट नहीं होगी।
कम कीमत वाले या घटिया क्वालिटी के पावर बैंक खतरनाक साबित हो सकते हैं। ये डिवाइस को खराब कर सकते हैं या आग का कारण भी बन सकते हैं।
इसलिए ध्यान दें कि आपके पावर बैंक में निम्नलिखित सुरक्षा सुविधाएं अवश्य हों:
सस्ते पावर बैंक में अक्सर घटिया बैटरी सेल लगाए जाते हैं जो समय के साथ लीक या ब्लास्ट कर सकते हैं। हमेशा BIS (Bureau of Indian Standards) सर्टिफाइड पावर बैंक लें, जिनमें Lithium-ion (Li-ion) या Lithium-polymer (Li-Po) बैटरियां लगी हों।
क्यों जरूरी है?
यह ना सिर्फ डिवाइस की उम्र बढ़ाता है, बल्कि आपकी व्यक्तिगत सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।
अगर आप एक से ज्यादा डिवाइस चार्ज करना चाहते हैं, तो देख लें कि पावर बैंक में कितने पोर्ट हैं। केवल एक पोर्ट वाला पावर बैंक सीमित उपयोग के लिए ही होता है।
ध्यान दें:
देखें कि पोर्ट USB-A, USB-C या Lightning टाइप हैं या नहीं और क्या वे आपके मौजूदा चार्जिंग केबल्स से मेल खाते हैं।
ये छोटी सी सुविधा बहुत काम की होती है। पावर इंडिकेटर से आपको यह पता चलता है कि पावर बैंक में कितनी बैटरी बची है और कब उसे चार्ज करना है। कुछ पावर बैंक में डिजिटल स्क्रीन होती है, जबकि कुछ में LED लाइट्स से स्थिति बताई जाती है।