
डिजिटल डेस्क: उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग (ECI) के निर्देश पर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान की शुरुआत मंगलवार, 4 नवंबर से होने जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य के सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना और दो या अधिक स्थानों पर दर्ज डुप्लीकेट मतदाताओं (Duplicate Voters) को हटाना है। करीब 22 वर्षों बाद इस तरह का अभियान फिर से आयोजित किया जा रहा है, जिससे मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता और 1,62,486 पोलिंग बूथ हैं। राज्य में 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2042 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) कार्यरत हैं। यही बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित करेंगे।
बीएलओ दो प्रतियों में गणना प्रपत्र देंगे, जिनमें मतदाता का नाम, एपिक संख्या, भाग संख्या, क्रम संख्या तथा विधानसभा क्षेत्र का नाम पहले से अंकित होगा। मतदाता को इन प्रपत्रों में अपनी जन्म तिथि, आधार संख्या, मोबाइल नंबर, माता-पिता का नाम व उनका एपिक नंबर, पति या पत्नी का नाम व एपिक नंबर (Epic Number) भरना होगा।
गणना प्रपत्रों का वितरण और भरे हुए प्रपत्रों की वापसी की अंतिम तिथि 4 दिसंबर निर्धारित की गई है। इसके बाद 9 दिसंबर को मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशित किया जाएगा। दावे और आपत्तियां 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक स्वीकार की जाएंगी। तत्पश्चात सुनवाई, सत्यापन और निस्तारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने इस विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान को न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि देश के 12 राज्यों में लागू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता न हों। इसके लिए बूथों का पुनर्सत्यापन भी इसी अवधि में पूरा किया जाएगा।
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सभी जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ लेवल अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। अभियान के माध्यम से मतदाता सूची में पारदर्शिता, सटीकता और विश्वसनीयता लाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आगामी चुनावों में निष्पक्षता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।